नैनीताल। उत्तराखंड के परिवहन व समाज कल्याण मंत्री व नैनीताल के प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि
आपदा के दौरान सड़क, विद्युत, पेयजल, सिंचाई आदि क्षतिग्रस्त कार्याें को त्वरित गति से करते हुए तत्काल सुचारू किये जाई। आपदा क्षतिग्रस्त योजनाओं का तीन दिन में आंगणन बनाकर जिला कार्यालय में प्रेषित करें, ताकि तत्काल धनराशि अवमुक्त कि जा सके। उन्होंने कहा धनराशि की कमी नहीं है।
श्री आर्य नैनीताल क्लब में आपदा कार्याें की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि भीमताल सड़क पहाड़ की लाइफ लाइन है इसलिए आपदा से क्षतिग्रस्त काठगोदाम पुल एलाइमेंट का कार्य पूर्ण कर शुक्रवार सांय तक हल्का वाहन यातायात हेतु खोलने के निर्देश अधीक्षण अभियन्ता लोनिवि को दिये।उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर आपदा चुनौतियों का सामना करते हुए राहत बचाव कार्यकरने होंगे। इसके लिए आपदा प्रबन्धन तंत्र को और सक्रिय करना होगा। वर्षाकाल में पेयजल, विद्युत सुचारू रखने हेतु प्रत्येक खण्ड स्तर पर पेयजल पाइप, ट्रॉस्फार्मर, पोल, तार आदि पर्याप्त मात्रा में रखने पहाड़ी क्षेत्रों में तीन माह का राशन तेल, गैस आदि पहुॅचाने के भी निर्देश दिये। कहा कि आपदा दृष्टि से संवेदनशील सड़कों के डेन्जर जोनो व सड़कों को क्रॉस कर रही नालों पर पैनी नजर रखी जाये आवश्यकतानुसार ऐसे डेन्जर जोनो में पुलिस,होमगार्ड अथवा पीआरडी के जवानों को तैनात किया जाये ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने आपदा से संवेनदशील खूपी गॉव पर नजर रखे तथा उनके विस्थापन आदि की भी व्यवस्था की की जाये। उन्होंने कहा कि जिन संवेदनशील सड़कों में बार-बाद मलवा आने के कारण यातायात बाधित होता है उनके दोनो छोरो पर जेसीबी मशीनें तैनात कि जाये ताकि यातायात को कम से कम समय में सुचारू किया जा सके ताकि यात्रियों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने जनपद की नदियों के किनारे ंबसे गॉवों को वर्षाकाल में पानी बढ़ने से पूर्व सायरन अथवा अन्य माध्यमों चैतावनी जारी की जाये ताकि जनहानि से बचा जा सके।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जनपद में आपदा प्रबन्धन तंत्र सक्रिय है निगरानी हेतु प्रत्येक तहसील व जिला स्तर पर 09 कंट्रोल रूप स्थापित है जिनमें 24 घण्टें कार्मिकों की तैनाती की गई है। सभी कंट्रोल रूमों में फोन, मोबाइल, वायरलैस सेट लगाये गये हैं। जनपद में 1077 टोलफ्री नम्बर भी संचालित भी किया गया है। श्री गर्ब्याल ने बताया कि जनपद में 1214 विभिन्न प्रकार के सड़क मार्ग है जिसमें से 73 सड़क मार्ग संवेदनशील चिन्हित है। 120 स्लाइडिंग जोन व 96 क्रोनिक जोन जहॉ बार-बार मलवा पत्थर आने से सड़क मार्ग अवरूद्व हो जाता है इन पर पैनी नजर रखी जा रही है साथ 31 जेसीबी भी तैनात की गई है। मुख्य सड़क मार्ग देर तक बन्द होने की दशा में यातायात व्यस्था सुचारू रखने हेतु 36 वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किये गये हैं ताकि सड़क बन्द होने पर इनका उपयोग किया जा सके। उन्होंने बताया कि 17 बाढ़ चौकियॉ संचालित हैं, 49 राहत स्थल भी चिन्हित किये गये जहॉ आपदा ग्रस्त परिवारों को रखा जा सके। इसी तरह 41 अस्थाई हैलीपैड चिन्हित किये गये हैं। 16 सेटेलाइट फोन उपलब्ध है जिनका आपदा दौरान उपयोग किया जाता है। जिसपर प्रभारी मंत्री ने एक-एक सेटेलाइट फोन दुरस्थ क्षेत्र पाटकोट व ओखलकांडा में स्थापित करने के निर्देश दिये।
बैठक में विधायक संजीव आर्य ने सूखाताल में लोगों के घरों में घुस रहे सीवर के पानी का त्वरित निस्तारण कराने व क्षतिग्रस्त राजभवन सड़क में यातायात सुचारू करने को कहा। विधायक रामनगर दीवान सिंह बिष्ट ने कहा कि वर्षाकाल रामनगर चोरपानी में बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है वहॉ पेयजल व अन्य कार्य शीघ्र कराने के बात रखी। विधायक भीमताल रामसिंह कैड़ा ने क्षेत्र में बन्द सड़कों को खोलने व क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों की मरम्मत कर पेयजल सुचारू करने को कहा। नगरपालिका अध्यक्ष भवाली संजय वर्मा ने जिला प्रशासन द्वारा भवाली सेन्टोरियम में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए सेन्टोरियम की खराब सड़क को बनाने की बात कही। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जनपद में तीन नये भीमताल, कोश्याकुटौली व मुक्तेश्वर में अग्निशमन कार्यालय हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
बैठक में विधायक नवीन दुम्का, जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, गोपाल रावत, कुन्दन बिष्ट, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ भारती जोशी, अधीक्षण अभियन्ता जनसंस्थान विशाल सक्सेना, लोनिवि एबी काण्डपाल, जलनिगम ओपी सिंह, पीएमजीएसवाई मीना भट्ट, आरटीओ राजीव मेहरा, एआटीओ संदीप वर्मा, मुख्य शिक्षाधिकारी केके गुप्ता, आपदा प्रबन्धन अधिकारी शैलेश कुमार सहित सम्बन्धित