रुद्रपुर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह जिले में आज कलेक्ट्रेट में जिला पंचायत सदस्यों का तीखा आक्रोश देखने को मिला। जिला योजना की धनराशि जिला पंचायत को न देने और जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में अफसरों के न पहुंचने से आक्रोशित जिला पंचायत सदस्य जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर तीन घंटे धरने पर बैठे रहे। धरने में मुख्यमंत्री के भांजा भी शामिल था।
सदस्यों का आरोप है कि उनसे मिलने के लिये जिलाधिकारी नहीं आई जबकि मुख्यमंत्री को भी इसके वारे में जानकारी दी गई थी। जनप्रतिनिधियों ने इसे अपना अपमान समझा और नाराज़ होकर वापस जिला पंचायत पहुंचे। जहां आपात बैठक कर जिलाधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव के साथ ही जिलाधिकारी के तबादले की मांग की गई। यह पहला मौका है कि किसी अधिकारी के खिलाफ ऐसा प्रस्ताव पारित किया गया है।
गुस्साये सदस्यों ने यह भी कहा कि अगर इसका निदान नहीं होता है तो वो सामूहिक त्यागपत्र दे देंगे। बता दें कि अक्टूबर में हुई बोर्ड बैठक में भी कोई अफसर नहीं पहुंचा था। जिस पर बोर्ड में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था, मगर सांसद अजय भट्ट ने निंदा प्रस्ताव खारिज कर भरोसा दिलाया था कि भविष्य में सारे अफसर आएंगे।
बैठक में जब अधिकारी नहीं पहुँचे तो सभी जिला पंचायत सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंच गए। डीएम रंजना राजगुरू उस वक्त मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की वीडियो कांफ्रेंसिंग में थी, जिस पर सदस्य पोर्च में धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे।
जिला पंचायत सदस्य जिलाधिकारी को धरनास्थल पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन डीएम नही आईं। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष के पति सुरेश गंगवार ने मुख्यमंत्री से भी बात की। इसके बाद भी डीएम ने कोर्ट में होने की बात कह कर बाहर आने से इंकार कर दिया। मामला गरमाने पर विधायक राजकुमार ठुकराल ने धरना स्थल पर पहुंच कर सदस्यों को समझने की कोशिश की और सदस्यों को अंदर चल कर वार्ता करने का आग्रह किया, लेकिन जिला पंचायत सदस्य इस बात पर अड़ गए कि जिलाधिकारी धरनास्थल तक आये। तभी कोई वार्ता होगी। धरना कर रहे सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी देते कहा कि जिलाधिकारी को बाहर आना होगा। काफी देर चली मशक्कत के बाद जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत लौट गये।
जिला पंचायत बोर्ड की आपात बैठक में जिलाधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया और उनके तबादले की मांग की गई। यहां बता दें कि जिला पंचायत बोर्ड के सभी सदस्य जिनमें भाजपा के भी शामिल थे, धरने पर बैठे रहे। जिला पंचायत में पंचायतीराज मंत्री के प्रतिनिधि सुरेश गंगवार ने कहा कि सीएम के गृह जनपद में भी अफसर शाही हावी है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों की आवाज़ कौन सुनेगा।