सरकार की चुप्पी से गुस्से में आशा वर्कर्स: कहा सरकार की आंदोलन तोङने की साजिश नहीं होगी सफल

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हल्द्वानी। आशा वर्कर्स की दो अगस्त से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल आज छठें दिन भी जारी रही। अभी तक शासन की ओर से कोई पहल नहीं होने से उनमें गुस्सा है। आरोप है कि सरकार ने शर्मनाक चुप्पी साधी हुई है। सप्ताह भर के आशा आंदोलन के बाद भी सोयी हुई सरकार को जगाने के लिए आज भी सभी जगहों पर कार्यबहिष्कार हड़ताल के साथ धरना छठे दिन भी जारी रहा। हल्द्वानी में महिला अस्पताल के सम्मुख धरना प्रदर्शन जारी है।
आशाओं के धरने को संबोधित करते हुए उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय ने आरोप लगाया कि, “आशा वर्कर्स के आंदोलन से बौखलाकर सरकार आशाओं की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रही है इसके लिए भाजपा सरकार के जेबी संगठन भारतीय मजदूर संघ का आशाओं के आंदोलन के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है और उनके बीच में भ्रम फैलाया जा रहा है जो कि बेहद शर्मनाक है। उन्होंने सवाल उठाया अगर मजदूर संघ को आशाओं की इतनी ही चिंता थी तो पिछले साढ़े चार साल से अपनी ही डबल इंजन सरकार से आशाओं की समस्याओं का समाधान क्यों नहीं करा लिया? अब जब आशा वर्कर्स हड़ताल पर उतर गई हैं तब मजदूर संघ बौखलाहट में आंदोलन को दिशाहीन कार्यक्रम की ओर धकेलना चाहता है। उन्होंने आशाओं से किसी भी अफवाह पर ध्यान दिए बिना एकता बनाये रखकर आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखने की अपील की। कहा कि जो भी आगे का कार्यक्रम तय होगा हड़ताल में शामिल सभी यूनियनों द्वारा संयुक्त फैसले के आधार पर ही होगा, तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल और धरना जारी रहेगी।”
आशा नेताओं ने कहा कि, “आशाओं द्वारा कोरोना संकट के समय की गई सेवा को भुलाकर उत्तराखंड की राज्य सरकार जानबूझकर आशाओं के आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है लेकिन आशाओं की लड़ाई और भी मजबूत होती जा रही है।”
आशा वर्कर्स ने कहा कि, “अब आशाओं के शोषण की पराकाष्ठा हो गई है। एक तो सरकार आशाओं को मासिक वेतन नहीं दे रही है दूसरी ओर आशाओं के शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद भी मासिक वेतन और कर्मचारी के दर्जा देने के मामले में चुप्पी साधे हुए है। सरकार की इसी कार्यप्रणाली के खिलाफ आशाओं का यह आंदोलन है। जब तक सरकार अपने रवैये में बदलाव लाकर आशाओं के साथ वार्ता कर आशाओं की समस्याओं का निराकरण नहीं करती आंदोलन जारी रहेगा।”
धरना कार्यक्रम में उमा दरमवाल, सरस्वती, सायमा सिद्दीकी, रीना बाला, मनीषा आर्य, भगवती बिष्ट, सुनीता भट्ट,सुनीता मेहरा, गीता जोशी, दीपा बिष्ट, शाइस्ता, रुखसाना, दीपा बहुगुणा, विमला शर्मा, हंसी, शहाना, रेशमा, प्रीति, हेमा दुर्गापाल, पुष्पा भट्ट, बीना उपाध्याय, रजनी, पुष्पा, माया, मीना, कमला, आनंदी, अनुराधा, सुनीता, जायदा समेत सैकड़ों की संख्या में आशाएँ मौजूद रही। समर्थन में पूर्व दर्जा राज्यमंत्री महेश शर्मा, टाटा मोटर्स यूनियन नेता नवीन जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत साहू आदि भी पहुंचे।

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