देहरादून। हरिद्वार में 2021 का महाकुंभ केवल 30 दिनों का होगा। उत्तराखंड सरकार ने महाकुंभ की अवधि 1 से 30 अप्रैल तक तय कर दी है। महाकुंभ 2021 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। महाकुंभ को लेकर एसओपी भी पहले ही जारी हो चुकी है। मगर केंद्र सरकार के कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सरकार ने महाकुंभ की यह अवधि तय की है। इसके अलावा भी महाकुंभ को लेकर सरकार के स्तर पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा चुके हैं।
राज्य के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने मंगलवार को बताया कि महाकुंभ की स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा जो गाइडलाइन भेजी गयी थी उसके अनुसार कुंभ के दिनों को कम करने की बात कही गई थी। लिहाजा राज्य सरकार ने 30 दिन का महाकुंभ कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत 1 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच हरिद्वार महाकुंभ का आयोजन होगा।
मुख्य सचिव ने बताया कि महाकुंभ के दौरान कोई भी स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई जाएगी। इस बाबत मुख्य सचिव की ओर से रेलवे मंत्रालय को पत्र भी भेजा गया था, जिस पर सहमति बन गई है। सिर्फ महाकुंभ क्षेत्र से यात्रियों को बाहर ले जाने के लिए ट्रेनों की व्यवस्था की जाएगी। महाकुंभ के लिए पहले तय किया गया था कि स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी, अब उस पर रोक लग चुकी है। इसके साथ ही कोई भी अतिरिक्त बस महाकुंभ में नहीं लगाई जाएगी। अगर कोई भी बस लगाई जाती है तो उससे पहले उत्तराखंड सरकार से परमिशन लेना अनिवार्य होगा।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि महाकुंभ को देखते हुये केंद्र सरकार से वैक्सीन की मांग की गई थी। 1,46,000 वैक्सीन प्राप्त हो गई हैं, जो कुंभ में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ ही व्यापारियों को महाकुंभ से पहले ही लगा दी जाएंगी। वहीं, महाकुंभ की अवधि कम करने पर हरिद्वार के व्यापारी इसका विरोध कर सकते हैं। क्योंकि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौरान व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में उन्हें उम्मीद थी कि महाकुंभ से उनके नुकसान की भरपाई हो सकेगी। इस सवाल पर मुख्य सचिव ने बताया कि अलग-अलग परिस्थितियां होती हैं। ऐसे में इस चीज को देखना पड़ता है कि कम से कम डैमेज हो। ऐसे में लोगों को कुछ न कुछ सहयोग देना ही होगा।