देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का पांच दिन मानसून सत्र आज शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश समेत दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि देने से हुई। जबकि, विपक्ष ने विधानसभा चुनाव से ऐन पहले हो रहे सत्र में सरकार को घेरने और सरकार ने पलटवार की पूरी तैयारी कर ली है। विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस प्रदेश में कोरोना महामारी के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव के जरिए उत्तराखंड सरकार को घेरेगी।
इस बीच कांग्रेस ने शून्यकाल के दौरान महंगाई, भ्रष्टाचार, किसानों की कर्ज माफी, महिला उत्पीड़न समेत कई अहम मुद्दों का फैसला किया है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के नियंत्रण में सरकार पूरी तरह से विफल रही।
संक्रमित लोगों को उपचार देने के बजाए सरकार ने भगवान के भरोसे छोड़ दिया था। जिस वक्त सरकार के नुमाइंदों की जनता को सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस वक्त वे कहीं नजर तक नहीं आए। यही नहीं हरिद्वार में कुंभ के दौरान कोरोना जांच में ही बड़ा भ्रष्टाचार भी कर डाला। प्रीतम ने कहा कि बिना जांच किए ही लोगों को फर्जी रिपोर्ट देकर सरकार ने कोरोना को महामारी में तब्दील करने का काम किया। कहा कि सरकार प्रदेश के पर्वतीय जिलों में विकास करने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है।
देश भर में लाखों लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया। यह केवल आर्थिक भ्रष्टाचार भर ही नहीं है। बल्कि संपूर्ण मानवता के प्रति अपराध भी है। कांग्रेस सदन में सरकार से कोरोना संक्रमण में विफलता और जांच घोटाले पर जवाब मांगेगी। नेताओं ने चिंता जताई कि प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य का बुरा हाल है, जबकि बेरोजगारी की रफ्तार में भी लगातार इजाफा हो रहा है।