मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर टिप्पणी को लेकर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को देर रात जमानत मिल गई। उन्हें गिरफ्तार करने के बाद रायगढ़ के महाड में मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था। जज ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया था। इसके बाद राणे के वकीलों ने तुरंत जमानत अर्जी दाखिल कर दी। नारायण राणे के वकीलों ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने उन्हें 15000 रुपए के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। वहीं कोर्ट ने उन्हें 31 अगस्त और 13 सितंबर को पूछताछ के लिए पुलिस थाने को पहुंचने कहा है। साथ ही कोर्ट ने उन्हें ताकीद की है कि वह भविष्य में फिर इस तरह का अपराध न दोहराएं। नारायण राणे के वकील संग्राम देसाई ने इस बारे में जानकारी दी।
दिन में गिरफ्तारी के बाद नारायण राणे को रिमांड के लिए महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट में ले जाया गया था। यहां पर मजिस्ट्रेट बाबासाहेब शेख पाटिल की बेंच में राणे की पेशी हुई। मामले की सुनवाई के दौरान नारायण राणे के बेटे विधायक नितेश राणे और नारायण राणे की पत्नी नीलिमा भी कोर्ट में मौजूद थीं। कोर्ट ने पहले उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। लेकिन नारायण राणे के वकील ने तुरंत जमानत की अर्जी दाखिल कर दी। इसके बाद कोर्ट की ओर से उन्हें जमानत दे दी गई। इससे पूर्व प्रोटोकॉल के अनुसार राज्यसभा सभापति कार्यालय को नारायण राणे की गिरफ्तारी की आधिकारिक सूचना दे दी गई थी।