हरिद्वार। हरिद्वार कुंभ में हुए फर्जी कोरोना टेस्टिंग मामले में एसआईटी ने अब कार्रवाई और तेज कर दी है। एसआईटी ने शरत पंत, मल्लिका पंत और डॉ. नवतेज नलवा के गैर जमानती वारंट ले लिया है। इसके बाद एक टीम को रवाना कर दिया गया। कुंभ में सामने आए कोरोना जांच फर्जीवाड़े में दो दिन पहले शासन ने स्वास्थ्य विभाग के दो डॉक्टरों को निलंबित किया है। इसके बाद एसआईटी ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी शुरू कर दी है।
कुंभ में कोरोना टेस्टिंग का ठेका लेने वाली मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के पार्टनर शरत पंत व उसकी पत्नी मल्लिका पंत और हिसार की नलवा लैब के मालिक डॉक्टर नवतेज नलवा गिरफ्तारी के लिए हरिद्वार की सीजेएम कोर्ट से गैर जमानती वारंट हासिल कर लिए हैं। सीओ सिटी अभय प्रताप ने बताया कि शरत, मल्लिका और डॉक्टर नलवा की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से एनबीडब्ल्यू ले लिए गए हैं। पुलिस ने उनकी तलाश में जुटी हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आपको बता दें कि फर्जी कोरोना जांच मामले में सरकार ने मेला अधिकारी स्वास्थ्य डॉ अर्जुन सिंह सेंगर और प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी मेला डॉ एनके त्यागी को निलम्बित कर दिया है। इस मामले में विभाग के कुछ अन्य कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी है। हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सराकर ने बड़े स्तर पर सैंपलिंग का निर्णय लिया था। लेकिन कुछ लैब ने इसमें भारी गड़बड़ी कर करोड़ों के बिल भुगतान के लिए प्रस्तुत कर दिए। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 10 जून के अंक में इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया था।
इसके बाद यह मामला पूरे देश में चर्चित हो गया और सरकार ने इस मामले में हरिद्वार के जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए। फिर सीडीओ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई। कमेटी ने अपनी जांच में बड़े स्तर पर गड़बडियों की पुष्टि करते हुए विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद अब सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार मेला अधिकारी स्वास्थ्य डॉ अर्जुन सिंह सेंगर और प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी मेला डॉ एनके त्यागी को इस मामले में निलम्बित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने इस मामले में गठित एसआईटी को संबंधित फर्मों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।