*कुमाऊं कमिश्नर ने कहा-वन भूमि में बसे परिवारों के शीघ्र निपटाएं मामले, राजस्व गांव बनाने में न आए दिक्कत*

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रूद्रपुर। कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार ने शव विभाग के अफसरों को निर्देश दिए है कि वन भूमि पर बसे परिवारों को भू-स्वामित्व दिए जाने के लिए विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर शासन को प्रस्ताव भेजे। साथ ही भूमि संबंधी मामलों को निपटाने के लिए अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करें।
कुमाऊं कमिश्नर की अध्यक्षता में राजस्व विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ कलक्टेªट सभागार में बैठक हुई। भूमि सम्बन्धित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में वन भूमि पर बसे परिवारों को भू-स्वामित्व दिये जाने के सम्बन्ध में आयुक्त द्वारा सम्बन्धित विभागों को आपस में समन्वय करते हुये निस्तारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वन अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रेषित करें ताकि गांवो को राजस्व गांव बनाने की कार्यवाही हो सकें। उन्होने सिंचाई विभाग के जलाशयों की भूमि में बसे परिवारों को भूमि के विनियमितिकरण के लिये उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के सिंचाई विभाग एवं राजस्व विभाग के आपस में समन्वय बनाते हुये जलाशयों में बसे परिवारों की सर्वे कर सूची तैयार करें ताकि जो मामले शासन स्तर के होगें उन्हे शासन स्तर पर भेजा जायेगा। जो मामले स्थानीय स्तर के होगें उन्हे जनपद स्तर पर निस्तारित किया जायेगा। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्ग-4, वर्ग-3, के विनियमिति करण के जो मामले व प्रस्ताव है उनका भलिभांति परीक्षण करते शीघ्र निस्तारण करें उन्हे लम्बित न रखे। उन्होने भूमि के अन्य मामलों के निस्तारण हेतु अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि समिति द्वारा भूमि से सम्बन्धित प्रकरणों की 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जिसके अनुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि वन भूमि पर बसे लोग जो सत्यापन से छूट गये है उनका सत्यापन भी शीघ्र करना सुनिश्चित करें। परम्परागत ढंग से वन भूमि के मामलों को गम्भीरता से लेते हुये उनका निस्तारण करें ताकि उन्हे भूमि का अधिकार मिल सकें। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि लम्बित दावें/आपत्तियों का निस्तारण शीघ्र करना सुनिश्चित करें ताकि आम जनता को किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। उन्होेने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वन भूमि हस्तान्तरण अधिनियम में यदि कोई कमी है तो सम्बन्धित अधिकारी शासन को पत्र पे्रषित करे ताकि समय पर सरकार की मंशा के अनुरूप लोगों को भूमिधरी के पट्टे दिये जा सकें। मण्डलायुक्त ने अपर जिलाधिकारी वित एवं राजस्व को निर्देश दिये कि खटीमा, सितारगंज व किच्छा में खाम लैण्ड का सर्वे कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करें। समीक्षा के दौरान उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के परिसम्पत्तियों के विषय पर विस्तार से चर्चा की गयी ताकि लम्बित पड़े मामलों का शासन स्तर पर शीघ्र निस्तारण किया जा सकंे। उन्होने समीक्षा के दौरान मण्डल स्तर पर एक समिति गठित की जायेगी जो कुमांऊ मण्डल के प्रत्येक जनपद में जाकर भूमि से सम्बन्धित प्रकरणों को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। उसके आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू ने आयुक्त का स्वागत करते हुये जनपद की विभिन्न प्रकरणों से अवगत कराया। बैठक में विधायक राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, सौरभ बहुगुणा, डाॅ0 प्रेम सिंह राणा, अपर जिलाधिकारी डाॅ0 ललित नारायण मिश्र, जय भारत सिंह, डीजीसी नैनीताल आरएल पाठक, ओसी नरेश चन्द्र दुर्गापाल, उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, कौस्तुभ मिश्र, निर्मला बिष्ट, तुषार सैनी सहित तहसीलदार व लेखपाल, कानूनगो आदि उस्थित थे।

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