पिथौरागढ़। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने कहा है कि दारमा घाटी में आपदा में कई पशुपालकों की भेङ मर गई थी। ऐसे लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है। यह हालत चिंताजनक है। कहा कि ऐसे मामलों की गंभीरतापूर्वक जांच कराई जा रही है।
दूरस्थ क्षेत्रों में आम जनता की समस्याओं के निस्तारण हेतु तहसील धारचूला के दूरस्थ क्षेत्र जीआईसी खेत में बहुउद्देश्यीय शिविर का आयोजन कर जिलाधिकारी आशीष चौहान द्वारा क्षेत्र की जनता की समस्याएं सुनी। शिविर में स्वास्थ,कृषि, पशुपालन, उद्यान,ग्राम्य विकास विभागों समेत विभिन्न विभागों द्वारा स्टाल लगा कर योजनाओं का लाभ दिया गया।
जीआईसी खेत में आयोजित बहुउद्देश्यीय शिविर में जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान द्वारा ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा खेत से आगे बन्द सड़क का भी निरीक्षण किया गया, तथा बीआरओ के अधिकारियों को तत्काल सड़क मार्ग खोलने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा खेत गांव जाकर बीएआरो द्वारा सड़क खोले जाने हेतु किए जा रहे निर्माण का कार्य जिसे ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा था,उक्त संबंध में ग्रामीणों व बीआरओ के अधिकारियों के मध्य वार्ता कर मार्ग खोले जाने हेतु ग्रामीणों द्वारा अपनी सहमति दी गई, तथा जिलाधिकारी ने बीआरओ के अधिकारियों को सड़क खोलने का कार्य तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए गये।
जिलाधिकारी द्वारा शिविर में क्षेत्रीय जनता की समस्याएं सुनी। शिविर में आपदा में भेड़पालको के दारमा घाटी में बर्फबारी से बकरियों के दबकर मरने,और आपदा में ध्वस्त भवनों के मुआवजे में हो रही देरी को देखते हुए जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते उपजिलाधिकारी धारचूला और राजस्व उपनिरीक्षक को आवश्यक कार्यवाही करते हुए आपदा पीड़ितों को शीघ्र मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए। शिविर में विधायक धारचूला हरीश धामी ने भी जिलाधिकारी को क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी गई।
शिविर में उमचिया निवासी एवं छात्र संघ अध्यक्ष सागर बिष्ट ने सोबला में वर्ष 2016 में बने उपस्वास्थ्य केन्द्र का भवन वर्तमान तक विभाग को हस्तांतरण नही होने की शिकायत के अतिरिक्त शीघ्र ही हस्तांतरण करते हुए मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की भी मांग की गई। जिस पर जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य प्रभारी डॉ एमके जायसवाल से एक हप्ते में जांच रिपोर्ट पेश करते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए।शिविर में जीआईसी खेत के प्रधानाचार्य ने एक लिपिक को जिला मुख्यालय में अटैच होने व वेतन जीआईसी खेत से जारी होने की शिकायत रखी गई। जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को तत्काल लिपिक की तैनाती जिला मुख्यालय से हटाकर खेत जीआईसी में करने के निर्देश दिए। शिविर में गत 17-18 जून की आपदा में दो भवन और तीन शौचालय ध्वस्त सहित विद्यालय की अन्य समस्याओं से भी जानकारी जिलाधिकारी को दी गई।
शिविर में पूर्व जिला पंचायत सदस्य आन सिंह रोकाया ने तवाघाट से धौली नदी के बायी और मजबूत चट्टान की और सुनपाल तक नये सड़क निर्माण की मांग की गई।
शिविर में खेत ग्राम की महिलाओं ने जिलाधिकारी व एसपी को ग्रामीण क्षेत्रों ने बढ़ते शराब व नशे पर अंकुश लगाने की मांग रखी गई।, जिसपर एसपी ने महिलाओं को शराब के वितरण होने पर पुलिस को तत्काल सूचित करें शीघ्र इस विषय में उचित कार्यवाही की जाएगी। शिविर में बिजली,पानी, सड़क,संचार, आपदा से क्षतिग्रस्त भवनों ,मृतसक बकरियों के मुआवजे सहित विभिन्न समस्याओं से संबंधित 80 से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त हुए।
जिन्हें सुनते हुए जिलाधिकारी ने सम्बंधित विभागों को तत्काल हल करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जनता की समस्या सुनने के बाद शिविर में लगे स्टालों का भी निरीक्षण कर जानकारी ली।
छिरकिला में सड़क बन्द होने के कारण अधिकारी दो किलोमीटर पैदल चलकर शिविर में पंहुचे।
शिविर में मेडिकल टीम ने 150 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर निशुल्क दवा वितरण के साथ ही टीकाकरण टीम ने 34 व्यक्तियों का कोविड टीकाकरण किया गया। कृषि विभाग ने 25 किसानों को कृषि यंत्र व कीटनाशक दवाइया,पशुपालन विभाग ने 182 लोगों को जानवरों की दवाइयां वितरण की गई। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 23 लोगों को जन्म,मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए।
शिविर में विधायक धारचूला हरीश धामी, एसपी लोकेश्वर सिंह, बीआरओ के ओसी मेजर अंकित दत्ता,उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला,सीएमओ एच सी पंत,एनएचपीसी के मुख्य महाप्रबंधक प्रीतपाल सिंह
खेत के उपप्रधान कमलेश सिंह सहित सभी विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।