पिथौरागढ़। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने कहा है कि पिथौरागढ़ सीमांत जिला है। यहां सड़क और संचार व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है। साथ ही सीमांत के गांवों में विकास कार्य तेज किया जाना जरूरी है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह
शुक्रवार को पिथौरागढ़ पहुंचे। स्थानीय पुलिस लाइन में जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल सहित सेना के 119 ब्रिगेड के अधिकारियों द्वारा पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया,साथ ही पुलिस टीम ने गार्ड ऑफ ऑनर द्वारा सलामी दी गयी।
राज्यपाल डीआरडीओ विश्राम गृह में उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले के बारे में जानकारियां ली गई। इस दौरान वह विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ भी मिले व स्थानीय उत्पादों, हस्तकला,शिल्पकला के उत्पादों का अवलोकन करने के साथ ही उनके बारे में जानकारी प्राप्त की। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, वनाधिकारी,मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ बैठक कर जनपद में संचालित विभिन्न कार्यों, गतविधियों स्वास्थ्य व्यवस्थाओं, स्वरोजगार के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों, गतिविधियों के साथ ही कानून एवं शांति व्यवस्था के बारे में जानकारी ली गई। बैठक के दौरान राज्यपाल ने कहा कि पिथौरागढ़ जिला एक सीमांत जनपद होने के साथ ही यहाँ की भौगोलिक परिस्थितियों अपने आप में अलग हैं, यहां पर सड़क कनेक्टिविटी के साथ ही संचार माध्यमों को बेहतर करना आवश्यकीय है,इस क्षेत्र में कार्य किया जाय । उन्होंने कहा कि वर्तमान में बीआरओ द्वारा सीमान्त क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य बेहतर रूप से कराया जा रहा है,उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन भी इस कार्य में उन्हें सहयोग प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीण महिला ही गांव की अर्थव्यवस्था में अपनी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं,इन्हें और अधिक मजबूत बनाने हेतु जो महिला स्वयं सहायता समूह वर्तमान में आजीविका के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं उन्हें प्रोत्साहित करते हुए उनके उत्पादों को बाजार तक लाने की व्यवस्था के साथ ही उन्हें प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाय। उनके उत्पादों के सही दाम बाजार में मिले इस हेतु बेहतर पैकेजिंग हेतु मशीन व उपकरण उपलब्ध कराए जाय।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी पिथौरागढ़ डॉ आशीष चौहान द्वारा राज्यपाल को पिथौरागढ़ जिले की भौगोलिक परिस्थितियों, संचालित कार्य,किए जा रहे अभिनव प्रयासों के साथ ही होने वाली विभिन्न समस्याओं, प्राकृतिक आपदा की घटनाओं व उनसे निपटने हेतु की जाने वाली विभिन्न व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में प्राथमिकता के तहत सड़क कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त दूरस्थ क्षेत्रों में संचार सुविधा हेतु लगातार मोबाइल कम्पनियों के साथ बैठक कर मोबाइल टॉवर स्थापित करने के साथ ही ओएफसी लाईन बिछाए जाने का भी कार्य तेजी से किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद पिथौरागढ़ आपदा की दृष्टि से एक संवेदनशील जिला भी है,प्राकृतिक आपदा की घटना की रोकथाम, न्यून करने तथा आपदा जे दौरान त्वरित राहत एवं बचाव समेत अन्य कार्य हेतु आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतरीन तरीके से कार्य किया जाता है तथा इस क्षेत्र में कार्य की प्राथमिकता है।
जिलाधिकारी ने राज्यपाल को अवगत कराया कि जनपद पिथौरागढ़ साहसिक पर्यटन के साथ ही धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण जिला है। यहां पर पर्यटन की विभिन्न गतिविधियों वर्षभर रहती है,जिसमें ट्रैकिंग,राफ्टिंग, पर्वतारोहण, स्कीइंग,पैराग्लाइडिंग,माउंटेन बाइकिंग वर्ष भर चलती है। उन्होंने अवगत कराया कि जिले में गुंजी,ऊ पर्वत,आदि कैलाश तथा मुनस्यारी क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाए जाने हेतु अनेक कार्य किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त स्थानीय उत्पादों को बढ़ाए जाने हेतु उन्हें बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि जिले में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने एवं आजीविका गतिविधियों को बढ़ाए जाने हेतु जिले में महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन कर स्वरोजगार के कार्य कराते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु कार्य किया जा रहा है,साथ ही उन्हें समय-समय पर विभिन्न विभागों के माध्यम से प्रोत्साहित भी किया जाता है, शीघ्र ही जिले की दो महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों की पैकिंग हेतु मशीनरी उपकरण दिए जा रहे हैं। बैठक में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह द्वारा जिले में कानून एवं शांति व्यवस्था के बारे में राज्यपाल को अवगत कराया। मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल द्वारा जिले में संचालित विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी से अवगत कराया।
राज्यपाल द्वारा डीआरडीओ विश्राम गृह में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वंय सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्थानीय उत्पाद से बने हैन्डी क्राफ्ट से निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया जिसमें महिला समूहों द्वारा उत्पादित स्थानीय उत्पाद विशेष तौर से
मुनस्यारी राजमा,दालें, मसाले के साथ ही हथकरघा, हैंडीक्राफ्ट आदि की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए समूहों की महिलाओं से उनके उत्पादों से होने वाली आमदनी आदि के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने महिलाओं के द्वारा निर्मित विभिन्न हस्तकला सामग्री की प्रशंसा करते हुए महिलाओं से कहा कि वह अपने उत्पाद को और अधिक मात्रा में बनाएं,उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान उन्होंने महिला समूह द्वारा डायरी के बाहर बनाई गई स्थानीय ऐपण कला के कार्य की सराहना करते हुए उन्हें राजभवन हेतु ऐसी ही कुल 100 डायरी बनाने तथा हुड़ती निवासी द्वारा लकड़ी की कलाकृति से बनाए गए केदारनाथ धाम की चार कलाकृतियों को राजभवन उत्तराखंड हेतु बनाने ही मांग की गई। इस दौरान उन्होंने स्थानीय उत्पाद विशेष रूप से जैविक उत्पादों को और अधिक बढाने को भी कहा। इस दौरान उन्होंने महिलाओं से इस संबंध में उनके अनुभव व सुझाव भी लिये। इस दौरान स्वंय सहायता महिलाओं द्वारा स्थानीय उत्पाद से बने निर्मित वस्तुओं को राज्यपाल महोदय को भेंट किया।
डीआरडीओ विश्राम गृह में राज्यपाल ने जिले के पूर्व सैनिकों के साथ बैठक कर सैनिकों की समस्याओं/समाधान के लिए सैनिकों से सुझाव भी लिये। उन्होंने वर्तमान में जिला मुख्यालय में सेवानिवृत्त मेजर ललित सामंत द्वारा युवाओं को सेना में भर्ती किए जाने हेतु पूर्व प्रशिक्षण हेतु चलाए जा रहे एकलव्य अकेडमी के प्रयासों व कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की एकेडमी प्रदेश के प्रत्येक जिले में खोली जाय ताकि यहां से अधिक से अधिक युवा सेना में प्रवेश प्राप्त कर सकें।
राज्यपाल के जनपद आगमन पर डीआरडीओ विश्राम गृह में विधायक पिथौरागढ़ चंद्रा पंत,अध्यक्ष जिला पंचायत दीपिका बोहरा,उपाध्यक्ष कोमल मेहता,जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष एम सी पंत,भगवान सिंह ,पूर्व सैनिक संगठन के ललित सामंत,दान सिंह वल्दिया आदि के द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।इस दौरान एडीसी रचिता जुयाल, मेजर तरुन कुमार,अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान,संयुक्त मजिस्ट्रेट नंदन कुमार वनाधिकारी अभिमन्यु,पीडी आशीष पुनेठा समेत विभिन्न अधिकारी आदि उपस्थित रहे।