चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के लिए फरवरी 2022 में होने वाले चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दल तो इसके लिए सक्रिय हैं ही, अब किसान संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। राज्य के 22 किसान संगठनों ने संयुक्त समाज मोर्चा बनाकर राजनीति में कूदने का एलान कर दिया है। इसके एलान किसान नेता हरमीत सिंह कादियां ने किया। मोर्चे का चेहरा किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल होंगे। भाकियू डकौंदा, भाकियू लखोवाल आदि ने कहा कि वह अपने संविधान में संशोधन करके अपने फैसले से अवगत करवाएंगे।
किसान नेता बलदेव सिंह नियालका ने कहा कि लोगों को अब हमसे बहुत आशा है। चिट्टे का मसला हो या अन्य। पंजाब इससे जूझ रहा है। जिस तरह लोगों ने हमारा तीन कृषि कानूनों के आंदोलन में साथ दिया है, अब इन समस्याओं को सुलझाने में भी लोग हमारा साथ देंगे। हर वर्ग हमारा सहयोग करेगा। ऐसा हमें विश्वास है। राजेवाल ने कहा कि लोगों का बहुत दबाव है। नया समाज सृजित करेंगे। सिस्टम गंदा हो गया है। उसे बदलने की जरूरत है।
बता दें, दिल्ली बार्डर पर आंदोलन के दौरान ही कई किसान संगठन चुनाव मैदान में उतरने की बात कह चुके थे। इसको लेकर किसान संगठनों के बीच आपसी खींचतान भी दिखी। कई संगठनों का कहना था कि यह उचित नहीं है। इस बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी पहले ही पार्टी की घोषणा कर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। हालांकि चढ़ूनी की कहना है कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे।
गत सप्ताह पार्टी गठन के बाद चढ़ूनी ने कहा था कि वह पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति दूषित हो चुकी है। अब इसमें बदलाव की जरूरत है। वह अब सक्रिय राजनीति करेंगे। गुरनाम सिंह चढ़ूनी भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रमुख हैं। चढ़ूनी ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों, गरीबों व आम आदमी की लड़ाई लड़ेगी।