*कांग्रेस की हार के लिए गुटबाजी जिम्मेदार, प्रदेश प्रभारी भी जिम्मेदार: गोविंद सिंह कुंजवाल*

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हल्द्वानी। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत के बाद अब पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने कांग्रेस की हार के लिए गुटबाजी को जिम्मेदार बताया है। कहा कि पार्टी में गुटबाजी रोकने के लिए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने भी ठोस प्रयास नहीं किए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपने ही प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर सीधा हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस को संगठनात्मक कमजोरी के कारण हार का मुंह देखना पड़ा। इससे पूर्व सीएम चेहरे को लेकर खींचतान चल रही थी। उसके बाद सीटों का बंटवारा लेकर घमासान मचा रहा। चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी में कलह एकदम सतह पर आ गई है। अब टिकट के बेचने से लेकर हार का ठीकरा व भितरघात तक के आरोप एक-दूसरे पर लग रहे हैं।
चुनाव में हार का ठीकरा कांग्रेस एक दूसरे में फोड़ने में लगी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुंजवाल के बयानों से सियासी हल्कों में एक बार फिर भूचाल आ गया है। पूर्व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से पूर्व संगठनात्मक बदलाव किया। कांग्रेस ने गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। प्रदेश अध्यक्ष तो बदल दिया गया लेकिन अन्य टीम को नहीं बदला गया।
अध्यक्ष के अलावा संगठन में अन्य पदों पर आसीन लोग वही थे जो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के समय में थे। जब बदलाव होना था तो जिले स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठनात्मक ढांचे को बदला जाना चाहिए था। लेकिन प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के अलावा संगठन में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया। यही कांग्रेस की असली हार का कारण बना।
उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल का संगठन पर किसी का नियंत्रण नहीं था। अलग-अलग लोग अपने अपने तरीके से संगठन को चला रहे थे। जिस कारण कांग्रेस को प्रदेश में पराजय का मुंह देखना पड़ा। उन्होंने संगठन की मजबूती पर भी जोर नही दिया।
उन्होंने कहा कि अगर आने वाले चुनाव में कांग्रेस ने बेहतर काम करना है तो संगठन को मजबूत करना पड़ेगा और किसी भी प्रकार की गुटबाजी से दूर रहना पड़ेगा। स्पष्ट किया कि कांग्रेस के पदाधिकारी भी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के फैसलों पर अमल नहीं कर रहे थे।

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