देहरादून। उत्त्तराखण्ड कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। कहा है कि कोआपरेटिव बैंक में भर्ती घोटाले के बाद भी सहकारिता मंत्री को फिर से मंत्री बना दिया। ऐसे में जांच प्रभावित होने की आशंका है। दावा किया कि कोई भी विधायक पार्टी नहीं छोड़ रहा है। सभी विधायक संपर्क में हैं।
अपनी पहली पत्रकार वार्ता में श्री माहरा ने एक बड़े घोटाले के पर्दाफाश का दावा किया है। स्थानीय होटल में प्रेस वार्ता में माहरा ने कागजात पेश करते हुए कहा कि स्वास्थ्य महकमे में Boston IVY Healthcare Solution, Mumbai company ने एमआरआई मशीन सप्लाई में बड़ा घोटाला किया है। 3.20 करोड़ की एमआरआई मशीन 9 करोड़ में बेची गई।
उन्होंने कहा कि, तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में कुंभ मेले में यह एमआरआई घोटाला हुआ है। इस कंपनी ने United Imaging Shanghai की चाईनीज एमआरआई मशीनें कुंभ मेला में एवं गवर्मेंट दून मेडिकल कॉलेज, दोनों जगह में 3.20 करोड़ की मशीन नौ-नौ करोड़ में बेची।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अधिकारियों ने इस चाइनीज कंपनी के साथ मिलकर आंख बंद करके केवल पैसा कमाने के लिए उत्तराखंड प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के सभी नियम कानूनों को तोड़ दिया। ऊत्तराखंड प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के हिसाब से निविदा में ऑफर की गई मशीन 3 साल से इंडिया में लगी हुई होनी चाहिए एवं अच्छे से काम भी कर रही होनी चाहिए। जिसके लिए निविदा डालने वाली कंपनी को अपने सीए से स्टाप सिग्नेचर करवाकर एक सर्टिफिकेट देना भी अनिवार्य है। हिंदुस्तान में लगे होने की शर्तों के साथ साथ मशीन खरीदने वाले अधिकारी के ऑफिस में या जहां मशीनें लगी हुई हो उस हॉस्पिटल में फिजिकल डिमॉन्सट्रेशन करना भी अनिवार्य होता है नहीं तो निविदा निरस्त कर दी जाती है।
उस वक्त तक चाइनीज कंपनी की हिंदुस्तान में एक भी एमआरआई मशीन नहीं लगी हुई थी फिर भी इसको पास कर दिया।
उन्होंने कहा कि Phillips ( Regional Manager – Kamal Upreti Mob. 9889333866, Erbis ( Regional Manager Mahesh Sharma-8368543842) आदि कंपनियों ने लगातार निविदा के नियम कानूनों का हवाला देते हुए सचेत करते हुए सभी अधिकारियों को शिकायती पत्र भी लिखे पर करोड़ों रुपए के इस खेल में किसी भी अधिकारी के कान पर जूं भी नहीं रेंगी।
अगर Boston IVY company ने सीए certified पेपर नहीं लगाया तो उसे पास कैसे कर दिया गया एवम अगर पेपर लगाया है तो जब हिंदुस्तान में एक भी installation नहीं थी तो वो पेपर भी कहीं फर्जी तो नहीं लगाया। यह भी जांच का विषय है कि कुंभ मेला टेंडर में फर्जी कागज़ भी लगाए हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कुम्भ में आरटीपीसीआर घोटाले की तो फ़ौरी जांच हुई, इसमें तत्कालीन मेला अधिकारी स्वास्थ्य सहित 2 अधिकारियों की संलिप्तता होने से इनको सस्पेंड भी किया गया पर Boston IVY एवम अधिकारियों की मिलीभगत से हुए करोड़ों रुपए के इस एमआरआई घोटाले में कुछ भी नहीं हुआ।
यह भी जांच का विषय है कि तत्कालीन प्रोक्योरमेंट पॉलिसी की सभी शर्तों को बायपास करने वाले मेला अधिकारी स्वास्थ्य एवम बिना physical डिमॉन्सट्रेशन लिए इसके डिमॉन्सट्रेशन को पास करने वाली टीम ने करोड़ों रूपए के एमआरआई खरीद घोटाले में, कम्पनी के साथ पूरी मिलीभगत करके refurbished (पुरानी) मशीन को नया बता कर सप्लाई कर घोटाला किया हो।
मेहरा ने कहा कि Boston IVY के पास 9 करोड़ के रेट को न्यायोचित ठहराने के कोई सबूत नहीं हैं क्योंकि वो लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में एमआरआई मशीन के इसी मॉडल को 4 करोड़ के आसपास बेच रहे हैं। कम्पनी से सभी installations की जीएसटी paid बिल की सर्टिफाइड कॉपियां मांगने से साफ पता लग जायेगा। जो भी साबित करता है कि कुंभ की इस एमआरआई खरीद में करोड़ों का खेल हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि करोड़ों रुपए के एमआरआई घोटाले की भी जांच करवाई जाए एवम पैसों के लिए आंख बंद करके सभी नियम कानूनों को दरकिनार करते हुए एमआरआई खरीद में तत्कालीन अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करते हुए Boston IVY कंपनी को भी तुरंत ब्लैक लिस्ट किया जाए।