देहरादून। राज्य में पर्यटकों की संख्या में प्रतिवर्ष निरन्तर इजाफा हो रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में कार पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण पर्यटक स्थलों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। इसलिए प्रत्येक जिला पंचायत पर्यटक स्थलों के समीप स्थान चिन्हित करते हुए वहाँ कार पार्किंग की उचित व्यवस्था करने के साथ-साथ कन्जेक्सन टैक्स लागू करें।
प्रदेश के पंचायती राज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने बुद्धवार को पंचायतीराज निदेशालय, डांडालखौड में पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। पंचायती राज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री श्री महाराज ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य में पर्यटकों की संख्या में प्रतिवर्ष निरन्तर इजाफा हो रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में कार पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण पर्यटक स्थलों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। इसलिए प्रत्येक जिला पंचायत पर्यटक स्थलों के समीप स्थान चिन्हित करते हुए 15 वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से वहाँ कार पार्किंग की उचित व्यवस्था बनाएँ।
उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकतर युवा सेना एवं पुलिस की तैयारी करते हैं तथा पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं के लिए जिम आदि की व्यवस्था नहीं है। अतः वित्त आयोग के अंतर्गत क्षेत्र पंचायतों को प्राप्त धनराशि से प्रथमिकता के आधार पर प्रत्येक विकास खण्ड में एक जिम स्थापित किया जाए। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि राज्य की कुछ ग्राम पंचायतें स्वयं के आय कर रही हैं, उनका अनुसरण करते हुए अन्य ग्राम पंचायतें भी स्वयं के आय के स्रोतों को बढ़ायें और इसके लिए संबंधित जिला पंचायत राज अधिकारी सभी पंचायतों को सुझाव जारी करें। श्री महाराज ने कहा कि जिन पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटक अधिक मात्र में आते हैं वहाँ जिला पंचायतें कन्जेक्सन टैक्स लागू करें। उन्होने सुझाव दिया कि प्रारम्भ में उक्त टैक्स अवकाश दिवसों में लागू किया जा सकता है।
पंचायती राज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज विभागीय अधिकारियों से कहा कि
उत्तराखण्ड के प्रत्येक गाँव को स्मार्ट विलेज के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। इस हेतु प्रत्येक गाँव में कम्प्यूटर, इंटरनेट, बिजली, पानी आदि की सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। ग्राम पंचायत में स्थिति सभी विद्यालयों, ऑगनवाडी केन्द्रों, पंचायत घरों एवं अन्य सामुदायिक भवनों में पेयजल एवं शौचालय की उपलब्धता अनिवार्य रूप से की जाय। उन्होने निर्देश दिये कि समस्त जिला पंचायत राज अधिकारी उक्त व्यवस्था का स्थानीय निरीक्षण कर संबंधित विभाग एवं निदेशालय को अवगत करायेंगे। विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि पंचायतों में किसी भी सामुदायिक भवन का निर्माण इस प्रकार किया जाए कि उक्त भवन भविष्य में बहुउददेशिय रूप में उपयोग में लाया जा सके। श्री महाराज ने कहा कि प्रत्येक माह में विभाग के कार्यों की प्रगति के संबंध में एक बैठक भी आयोजित की जाएगी।
बैठक के दौरान नितेश कुमार झा, सचिव पंचायतीराज, उत्तराखण्ड शासन, बंशीधर तिवारी, निदेशक पंचायतीराज, उपनिदेशक मनोज कुमार तिवारी, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी सहित राज्य के समस्त जिला पंचायत राज अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी एवं निदेशालय पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण के अधिकारी उपस्थित थे।