वाशिंगटन। दुनिया भर में पिछले एक साल से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। महामारी की सबसे अधिक मार यूरोपीय देशों ने झेली है। कोरोना वायरस के एक साल होने के बाद यूरोप में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। एक बार फिर कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने के चलते यूरोप में लॉकडाउन लगाया जा सकता है। वहीं भारत में कोरोना नियंत्रण में आने के बाद एक फिर बेकाबू हो गया है। देश में एक माह में नए मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति बन रही है।
यूरोपीय देश इटली, फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड और बेल्जियम सहित यूरोप में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़े हैं। इन देशों में इस समय इंफेक्शन रेट उच्चतम स्तर पर है। यूरोप में पिछले सप्ताह आठ लाख नए मामले आए हैं। यह पिछले सप्ताह के मुकाबले 5.8 फीसदी ज्यादा है। इसके लिए कोरोना के नए वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है। संक्रमण के मामले बढ़ते देख ज्यादातर देशों ने लॉकडाउन और प्रतिबंधों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। चिकित्सकों का कहना है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर से बचना है, तो फिर से लॉकडाउन लगाना होगा।
फ्रांस में दिसंबर, 2020 में तेजी से कोरोना केस घटे थे, लेकिन जनवरी के बाद इसमें बेतहाशा वृद्धि हुई है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि राजधानी पेरिस में आईसीयू लगभग फुल हो गए हैं। फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरन ने कहा कि दिन और रात में हर 12वें मिनट पेरिस में एक कोरोना मरीज आईसीयू में भर्ती हो रहा है। फ्रांस के कई इलाकों में लॉकडाउन व प्रतिबंध जारी हैं। अब डॉक्टर नेशनल लॉकडाउन लगाने के लिए दबाव डाल रहे हैं।