*किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आधुनिक खेती ज़रूरी: डाॅ आशीष चौहान*

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पिथौरागढ़। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने कहा है कि कृषि से संबंधित सभी विभाग किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से योजनाएं बनाएं। किसानों को आधुनिक तकनीक से खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए।
केन्द्र पोषित कृषि तकनीकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुमोदन को लेकर जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान की अध्यक्षता में वृहस्पतिवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई। जिसमें सभी संबंधित विभागों को कृषि उत्पादन को बढाने एवं किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने हेतु वृहद स्तर पर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए। कहा कि छोटे और मझोले किसानों को चयनित कर उन्हें आधुनिक तकनीक से खेती की जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें।
जिलाधिकारी डॉ चौहान ने कृषि तकनीकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) योजना से अभी तक कराए गए कार्यों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि धान, गेहूं, मोटा अनाज, दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए मृदा परीक्षण कराते हुए क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए। चिन्हित क्षेत्रों में सभी छोटे और मझोले किसानों को शामिल करते हुए नवीन कृषि तकनीकी की जानकारी एवं सुविधाएं दी जाए और क्लस्टर एप्रोच पर पूरे क्षेत्र को किसी फसल विशेष के उत्पादन के लिए तैयार किया जाए। गांव क्षेत्रों के चयन के दौरान वहां की क्रापिंग पैटर्न और उत्पादन का अच्छी तरह से विश्लेषण किया जाए। यहां पर किसानों को प्रशिक्षित करते हुए फार्म मशीनरी बैंक से पावर वीडर, पावर स्पेयर, स्प्रे व थ्रेसर मशीन, आटा चक्की एवं अन्य आधुनिक उपकरण उपलब्ध करें। कृषि उपकरणों को रिपेयर पार्ट्स रखते हुए रिपेयरिंग के लिए भी लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। किसानों को फल एवं सब्जी उत्पादन का भी प्रशिक्षण दिया जाए। खुमानी, आडू और पुलम फलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करते हुए इस वर्ष कम से कम एक लाख पौध लगाए जाए।
कृषि सिंचाई योजना के तहत प्रस्तावित कार्यो की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि पूर्व में बनवाए गए चैकडैम, चालखाल, बर्मी कम्पोस्ट पिट, मुर्गी बाढा आदि कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया जाए। कहा कि उपयोगिता के आधार पर ही ऐसे नए कार्यो को स्वीकृत किया जाएगा। बीज उत्पादन को बढाया जाए। ताकि किसानों को आसानी से बीज उपलब्ध हो सके। इस दौरान उन्होंने अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों में कृषि विकास कार्यक्रम की प्रगति समीक्षा भी की।
मुख्य कृषि अधिकारी ने केन्द्र पोषित योजना के अन्तर्गत संचालित एवं प्रस्तावित कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। बताया कि आतमा योजना के तहत किसानों को प्रशिक्षण, प्रदर्शन, एक्सपोजर विजिट, किसान पुरस्कार, किसान वैज्ञानिक संवाद, किसान गोष्ठी, फार्म स्कूल प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है। इस कार्य हेतु वर्ष 2021 में 118.61 लाख धनराशि आवंटित हुई थी जिसमे से 110.46 लाख व्यय हो गया है।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, डीडीएम अमित पांडेय, मुख्य कृषि अधिकारी रीतू टम्टा, जीएम डीआईसी कविता भगत, मुख्य उद्यान अधिकारी जीपी सिंह, एपीडी डीएस दिगारी आदि उपस्थित थे।

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