दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नये भारत के निमार्ण के लिए सशक्त और श्रेष्ठ आधारशिला करार देते हुए कहा कि भारत विश्वगुरु था, विश्वगुरु है और विश्वगुरु रहेगा। निशंक ने 2०21-22 के लिए शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 21वीं सदी के स्वर्णिम भारत के निमार्ण के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लायी गयी है, जो सशक्त, श्रेष्ठ और आत्मनिर्भर भारत की आधरशिला बनेगी।
इस बीच लोकसभा ने कुछ सदस्यों के कटौती प्रस्तावों को अस्वीकार करते हुए अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया। निशंक ने कहा कि हमने विश्व को कभी बाजार नहीं माना, बल्कि परिवार माना। हम सुख और दुख मिलकर बांटते हैं। ऐसा नहीं है कि हमारे पास पैसा नहीं है। अलग-अलग योजनाओं के तहत काफी आवंटन है। मसलन 15 हजार आदर्श स्कूलों का विकास करने की बात कही गई है, सैनिक स्कूलों के विकास की बात कही गई है।”
केंद्रीय मंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में बजट में कटौती किए जाने के आरोपों को खारिज कर दिया। निशंक ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि बजट में कोई कटौती नहीं हुई। बजट कम नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि चचार् के दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार पर शिक्षा मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन में कटौती करने का आरोप लगाया और कहा कि पयार्प्त आवंटन के बिना नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों को हासिल करना संभव नहीं होगा।