नैनीताल। हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने जिलाधिकारी नैनीताल से यह बताने को कहा है कि यह भूमि किसकी है और अभी तक इस भूमि का डिमार्केशन हुआ है या नहीं? कोर्ट ने 24 अप्रैल को डीएम को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
पूर्व में कोर्ट ने सभी प्रार्थनापत्रों पर 31 मार्च 2021 तक सुनवाई पूरी करने को कहा था, लेकिन बुधवार को हुई सुनवाई में रेलवे की ओर से प्रार्थनापत्र देकर कहा गया कि जिन अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिया गया है, अभी उनके प्रार्थनापत्रों पर सुनवाई नहीं हो सकी है। लिहाजा उनकी सुनवाई के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।
हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा है कि कोर्ट ने पिछले साल डीआरएम को निर्देश दिए थे कि गफूर बस्ती में अतिक्रमण के मामले में जल्द से जल्द सुनवाई कर संबंधित प्रकरणों का निस्तारण करें, लेकिन अभी तक डीआरएम व स्टेट ऑफिसर द्वारा एक भी प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उच्च न्यायलय ने पूर्व में रेलवे की भूमि को खाली कराने के निर्देश दिए थे, जिसमें हल्द्वानी की गफूर बस्ती बसी हुई है।
कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय तक रोक लगा दी थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने प्रभावितों को निर्देश दिए थे कि जो प्रभावित हैं, वे अपनी शिकायत डीआरएम इज्जतनगर से कर सकते हैं। कोर्ट ने डीआरएम को निर्देश दिए थे कि शिकायतों को निर्धारित समय के भीतर निस्तारित करें। इस बीच 4365 लोगों द्वारा अपनी शिकायतें डीआरएम से की गईं, लेकिन इन पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। बुधवार को इसमें आज अतिरिक्त समय देने की मांग की गई है।