*चारधाम यात्रा: केदारनाथ में दो घोड़े-खच्चर संचालकों के खिलाफ पशु क्रूरता के तहत मुकदमा*

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रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से ही केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चलने वाले घोडे-खच्चरों के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार होने की सूचना के बाद सरकार ने ठोस कदम उठाने तो शुरू किए, मगर क्रूरता कम नहीं हुई। इस मामले में पशु प्रेमी व सांसद मेनका गांधी ने भी पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से भी संपर्क किया। सतपाल महाराज ने इस संबंध में रुद्रप्रयाग प्रशासन को आवश्यक निर्देश भी दिए। आखिरकार उत्तराखंड सरकार के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा केदारनाथ पहुंचे। उन्होंने घोङे और खच्चरों को एक दिन आराम देने के निर्देश भी दिए।
इसके बाद भी आज  केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चर संचालित करने वाले दो खच्चर स्वामियों पर पशु क्रूरता के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया गया कि खच्‍चर के बीमार होने के बावजूद उस पर यात्री को ढुलावाया जा रहा था। जबकि दूसरे खच्चर पर क्षमता से अधिक भार ले जा रहा था। दोनों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
वहीं केदारनाथ यात्रा में संचालित घोड़े-खच्चरों की मृत्यु होने पर उन्हें सही ढंग से न दफनाने के मामले को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं पशु मालिक की ओर से मृत पशु को उचित तरीके से न दफनाने पर संबंधित पशु मालिक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की मृत्यु के बाद उन्हें उचित तरीके न दफनाने की सूचना इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रचारित की जा रही है। जबकि, इस संबंध में पशु चिकित्सा अधिकारियों को पूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।

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