उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के रवाईं घाटी के पुरोला में आए दिन लगने वाले जाम से सोमवार को एक प्रसूता की जान खतरे में पड़ गई। प्रसव के दर्द से तड़प रही प्रसूता को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला में भर्ती कराया गया है।
मोरी के आराकोट गांव की एक प्रसव पीड़िता एक माह पहले पुरोला गांव स्थित अपने मायके यह सोचकर आई थी कि पुरोला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी करवाएगी। सोमवार सुबह प्रसव पीडि़ता को प्रसव पीड़ा हुई तो स्वजन ने 108 सेवा को फोन किया।
प्रसव पीड़िता को लेने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला से गांव के लिए 108 सेवा रवाना हुई, लेकिन कुमोला रोड व मुख्य बाजार में जाम के कारण 108 सेवा करीब आधे घंटे तक फंसी रही।
उधर, प्रसव पीड़िता को असहनीय पीड़ा शुरू हुई तो स्वजन ने डेढ़ किलोमीटर पैदल ही चलकर समय पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना बेहतर समझा।
स्वजन प्रसव पीड़िता को लेकर करीब एक किलोमीटर चले तो प्रसव पीड़िता को तेज दर्द हुआ, जिसके चलते अन्य महिलाओं ने प्रसव पीडि़ता को चारों ओर से चादर व कपड़ों से ढककर डिलीवरी करवाई।
वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला में चिकित्सकों को सूचना मिलने ही नर्सिंग स्टाफ स्ट्रेचर लेकर प्रसव स्थल पर पहुंचे। फिर जच्चा-बच्चा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए।
पुरोला में जाम की स्थिति कभी भी किसी की जान पर भारी पड़ सकती है। पुरोला बाजार रवाईं घाटी और मोरी ब्लाक के ग्रामीणों का मुख्य बाजार है। लेकिन, बाजार अतिक्रमण की चपेट में हैं।
बाजार में जाम से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था शून्य हैं, जो कभी भी किसी की जान पर भारी पड़ सकती है। गत सप्ताह जाम के दौरान एक व्यक्ति की मौत की घटना हो चुकी है। लेकिन, उसके बाद भी पुलिस और प्रशासन सबक लेने को तैयार नहीं है।