देहरादून। विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले फर्जी अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है। बुधवार को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने दून में दो फर्जी काल सेंटर और पकड़ लिए। इन काल सेंटर से प्रधानमंत्री ऋण योजना समेत अन्य लुभावनी योजनाओं के नाम पर उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न राज्यों में ठगी की जा रही थी।
काल सेंटर से तीन युवकों और दो युवतियों को गिरफ्तार किया गया है। तीनों युवक उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वहीं, एक युवक और कुछ युवतियों के फरार होने की भी सूचना है। दोनों काल सेंटर पिछले कई माह से संचालित किए जा रहे थे। आरोपित अब तक हजारों व्यक्तियों से 70 से 80 लाख रुपये ठग चुके हैं।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया, एसटीएफ को सूचना मिली थी कि शहर में प्रधानमंत्री ऋण योजना के नाम पर आधार कार्ड से ऋण दिलाने और ब्याज में 50 प्रतिशत तक छूट का झांसा देकर ठगी की जा रही है। इसके अलावा मोबाइल टावर लगवाने और विभिन्न ऋण योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर भी धोखाधड़ी हो रही है। इसका पता लगाने के लिए क्षेत्राधिकारी (साइबर क्राइम) अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की संयुक्त टीम का गठन किया गया। टीम की जांच में शिकायतों की पुष्टि होने के साथ पता चला कि शहर में दो ऐसे काल सेंटर संचालित हो रहे हैं, जिनके माध्यम से ठगी की जा रही है। बुधवार को दोनों स्थानों पर छापेमारी कर पांच लोग को गिरफ्तार कर लिया गया। एक काल सेंटर अनुराग चौक के पास बीएफसी रेस्टोरेंट की ऊपरी मंजिल पर चल रहा था। यहां से दीपक राज शर्मा और विकास उर्फ राम भजन निवासीगण सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) को गिरफ्तार किया गया। एक अन्य आरोपित धामपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी सोहित भागने में कामयाब रहा। इसके अलावा काल सेंटर में करीब एक दर्जन युवतियां भी थीं, जो टीम के पहुंचने से पहले ही सामान छोड़कर फरार हो गईं।
टीम ने मौके से कई डेस्कटाप, दो लैपटाप, दर्जनों सिम कार्ड, मोबाइल फोन, हजारों व्यक्तियों के मोबाइल नंबर की सूची व दस्तावेज बरामद किए हैं। दूसरा फर्जी काल सेंटर मेहूंवाला के वन विहार में एक मकान में चल रहा था। यहां से दो युवतियों समेत तीन को गिरफ्तार किया गया। आरोपितों की पहचान ऋषि पाल निवासी धामपुर (उत्तर प्रदेश), आफरीन उर्फ अलविरा खान निवासी वन विहार (मेहूंवाला) और समायरा उर्फ इकरा परवीन निवासी मुस्लिम कालोनी के रूप में हुई है। मौके से 11 मोबाइल फोन, एक लैपटाप, 10 डेबिट कार्ड, 12,260 रुपये नकद और हजारों व्यक्तियों के मोबाइल नंबर की सूची मिली है।
फर्जी काल सेंटर चलाने वाले आरोपितों ने बताया कि वह दिल्ली से एक टेक्स्ट मैसेज बल्क में अलग-अलग राज्यों में हजारों व्यक्तियों को भेजते थे। मैसेज में दिए गए नंबरों पर किसी व्यक्ति का काल आने पर उसे कम ब्याज दर पर ऋण आदि का झांसा देकर जाल में फंसाया जाता था।
आरोपित उन्हें ऋण के फर्जी दस्तावेज बनाकर भेजते और फिर रजिस्ट्रेशन के नाम पर 600 से एक हजार रुपये, इंश्योरेंस के नाम पर 15 हजार रुपये तक, टैक्स और सिक्योरिटी मनी के नाम पर 10 से 15 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लेते। इसके बाद आरोपित सात से 10 दिन में दोबारा संपर्क करने की बात कह फोन नंबर बंद कर लेते।