कांग्रेस नेता हिस्ट्रीशीटर हृदयेश कुमार के खिलाफ जिला बदर होने से पहले जानलेवा हमला व बलवा की रिपोर्ट दर्ज

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हल्द्वानी। युवक कांग्रेस के नेता और हिस्ट्रीशीटर ह्दयेश कुमार के जिला बदर होने से पहले काठगोदाम पुलिस ने ह्रदयेश कुमार के अलावा उसके भाई व चार अन्य के खिलाफ बलवा, हत्या का प्रयास, घातक हथियारों का उपयोग और मारपीट का एक और मुकदमा दर्ज किया है। यह घटनाक्रम शाम साढ़े चार से पांच बजे के बीच का है। यह मुकदमा मनोज गोस्वामी ने दर्ज कराया है।
काठगोदाम पुलिस थाने में दर्ज प्रथम सूचना के अनुसार मल्ला वार्ड नंबर 37, मल्ला चौफुला, दमुचाढूंगा निवासी मनोज गोस्वामी ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि कल दोेपहर लगभग ढाईं बजे वह अपने बड़े बेटे प्रयाग गोस्वामी के साथ अपने एक मित्र विजय बिष्ट के बेटे के नामकरण में गया था उसके बाद मनोज कुमाऊं मंडल आयुक्त दीपक रावत से मिलने पहुंचा उसने मंडल आयुक्त रावत को भूमि माफिया द्वारा दमुवाढूंगा क्षेत्र में किये जा रहे अवैध खनन के बारे में शिकायत की। मंडल आयुक्त रावत ने उससे भू-माफिया के नाम भी पूछे थे जिसमें उसने हृदयेश कुमार और उसके भाई धीरज का नाम भी बताया था। शाम साढ़े चार बजे वह अपने बेटे के साथ हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश के पास पहुंचया लेकिन विधायक से उसकी मुलाकात न हो सकी। इसके बाद पिता-पुत्र स्कूटी से अपने घर के लिए रवाना हो गए।
आरोप है कि जब मनोज और बेटा चैफुला चैराहे के पास पहुंचा तो वहां उसे हृदयेश कुमार का छोटा भाई धीरज अपनी महिन्द्रा थार गाड़ी के पास खड़ा हुआ दिखाई पड़ा। पीछे पलटकर देखने पर धीरज उनके पीछे आता हुआ दिखा और पुलिया के पास बिना नंबर की बोलेरो में बैठ गया। इस बुलेरो को मनीष कुमार उर्फ मन्टू चला रहा था और हृदयेश कुमार बोलेरो की पीछे वाली सीट पर बैठा था। जबकि रवि कुमार उर्फ रवि शूटर गाड़ी के बाहर खड़ा था। स्कूटी को मनोज गोस्वामी चला रहा था और उसका बेटा पीछे बैठा हुआ था। हल्दीखाल के पास जाने वाले मोड़ पर वीर सिंह बिष्ट उर्फ बिप्पू ने मनोज गोस्वामी की चलती हुई स्कूटी पर राॅड से हमला कर दिया। रोड मनोज के कंधे पर और उसके बेटे के हाथ पर लगी। इसके बाद मनोज और उसका बेटा स्कूटी वहीं छोड़कर कालोनी की ओर भागे तो चंपावत निवासी राहुल सरौरी ने उन पर फायर झोंक दिया, लेकिन फायर भागते हुए मनोज और उसके बेटे को नहीं लगा। इसके बाद रवि कुमार एक चाकू लेकर और राहुल सरौरी और वीर सिंह तमंचे लेकर उनके पीछे दौड़े।
आरोप है कि जब मोहल्ले के लोगों ने उनकी कोई मदद न तो वह दीवार फांदकर वहां छिप गये। यहीं से उन्होंने अपने बड़े भाई तथा पुलिस को फोन किया थोड़ी देर में पुलिस मौके पर पहुंची और उनकी जान बचाई। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 323, 147, 148 व 307 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया

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