मैक्स अस्पताल के खिलाफ रिपोर्ट: कोरोना काल में महिला की मौत के बाद नहीं लौटाए जेवरात

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देहरादून। कोरोनाकाल में मैक्स अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत के बाद उसके आभूषण गायब होने के मामले में न्यायालय ने पुलिस को चिकित्सालय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। मरीज के परिजन ने पुलिस की ओर से मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किए जाने पर न्यायालय की शरण ली थी।
इस प्रकरण की सुनवाई तृतीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निहारिका मित्तल गुप्ता के न्यायालय में हुई। नाला पानी क्षेत्र निवासी विशाल अग्रवाल ने न्यायालय में मैक्स अस्पताल के विरुद्ध वाद दायर किया था।
इसमें वादी ने बताया कि उनकी माता सावित्री देवी को कोरोना संक्रमण होने पर 23 मार्च 2021 को लिए मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका करीब डेढ़ माह तक उपचार चला।
उनका आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही के चलते दो जून 2021 को उनकी माता का निधन हो गया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना जांच की अंतिम रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी अस्पताल ने मरीज को आइसीयू में ही रखा और कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं किया।
साथ ही जनरल वार्ड से कोविड वार्ड में शिफ्ट करते समय अस्पताल प्रबंधन ने उनकी माता के आभूषण और सैंडल निकाल कर कहीं रख दिए, जो मरीज की मौत के बाद नहीं लौटाए गए।
विशाल अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि इस संबंध में 16 अगस्त 2021 को राजपुर थाना पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस संबंध में वादी की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों पर न्यायालय ने प्रथमदृष्ट्या अपराध घटित होना पाया। परिस्थितियों के सही प्रकटन के लिए न्यायालय ने राजपुर थाना पुलिस को मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए।
पूर्व में मैक्स अस्पताल में मरीजों के मोबाइल फोन चोरी होने के मामले भी सामने आ चुके हैं। बीते वर्ष मई में मरीज का मोबाइल चोरी करने के आरोप में पुलिस ने अस्पताल की एक नर्स और उसके प्रेमी को गिरफ्तार भी किया था।
इसी महीने एक अन्य मरीज की उपचार के दौरान मृत्यु होने के बाद उसका मोबाइल फोन और अन्य सामान नहीं लौटाने के आरोप भी अस्पताल प्रबंधन पर लगे थे। इसकी शिकायत भी पुलिस से की गई थी।

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