पिथौरागढ़ के 123 गांवों को ईको सेंसिटिव जोन में शामिल करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

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पिथौरागढ़। धारचूला के विधायक हरीश धामी की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हुई मुलाकात के बाद सीएम ने पिथौरागढ़ जिले के ईको सेंसिटिव जोन के मामले में कहा कि राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बनेगी। प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु को याचिका दायर करने की जिम्मेदारी दी गई है।
पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी, धारचूला, डीडीहाट के 111 गांवों को 1985 में अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य के भीतर लाकर इन गांवों का विकास रोक दिया गया था। धारचूला विधायक श्री धामी ने अपने ही सरकार के खिलाफ विधानसभा में काली पट्टी बांध कर दस्तक दिया। उसी के बाद राज्य सरकार बैकफुट पर आई। सरकार ने तब जाकर 2014 में 110 गांवों को अभ्यारण्य से मुक्त किया। आठ साल के भीतर इन गांवों में मोटर मार्गों सहित विकास की गंगा बही।
आठवें साल में फिर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के एक मामले को सुनते हुए पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी, धारचूला, डीडीहाट तीन विकास खंडों के 123 गांवों को ईको सेंसिटिव जोन में शामिल करने का फरमान शासन को भेजा है।
ईको सेंसिटिव जोन लागू होने के बाद इन 123 गांवों का विकास फिर ठप हो जाएगा।
विधायक हरीश धामी ने आज एक शिष्टमंडल के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उनके अपनी सरकार में विद्रोही बनकर अभ्यारण्य के दंश से मुक्ति दिलाई थी। फिर से क्षेत्र के विकास तथा आम आदमी की आजादी को छीनने का षड्यंत्र किया जा रहा है। विधायक ने कहा कि वे क्षेत्रीय जनता को साथ में लेकर इसके खिलाफ अंतिम क्षणों तक आंदोलन करने के लिए कूदेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तथ्यों को सुनने के बाद आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाकर अपना पक्ष रखेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रमुख सचिव वन को जिम्मेदारी दे रहे है। उन्होंने कहा कि इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है।
शिष्टमंडल में मुनस्यारी के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया, सामाजिक कार्यकर्ता राजू धामी मौजूद रहे।

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