हरिद्वार। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी ( पहले नाम वसीम रिजवी ) ने कोर्ट में सरेंडर किया। जान के खतरे को देखते हुए उन्हें सुरक्षा के आदेश दिए।
जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि चार महीने जेल में रहा, मैंने उन गुनाहों का पश्चाताप कर रहा हुं जो मैंने कभी किया ही नहीं। क्योंकि मैं एक हिंदू हूं और मैं इस पर गर्व करता हूं। मुझे मेरी जान का भी खतरा है, क्योंकि जो कहते हैं सर तन से जुदा वो मारना ही जानते हैं। खतरा हर जगह है और जब तक मैं जिंदा हूं तब तक खतरा बना ही रहेगा।
धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित की गई धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) ने हरिद्वार न्यायालय में सरेंडर कर दिया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जितेंद्र नारायण त्यागी को कुछ कट्टरपंथियों से खतरा है, इसको देखते हुए न्यायालय ने इनकी सुरक्षा का आदेश भी दिया है।
जितेंद्र नारायण त्यागी सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा पहुंचे। यहां अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी से भेंट करके उनका आशीर्वाद लिया, इसके बाद वे हरिद्वार कचहरी परिसर में पहुंचे। उनके साथ रविंद्रपुरी महाराज सहित कई साधु-संत भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि 17 से 19 दिसंबर 2021 को हरिद्वार के वेद निकेतन में धर्म संसद आयोजित हुई थी। आरोप है कि इसमें एक समुदाय को खत्म करने जैसी बातें कही गईं। ज्वालापुर निवासी गुलबहार खां ने हरिद्वार शहर कोतवाली में 23 दिसंबर 2021 को करीब 10 धर्मगुरुओं के खिलाफ हेट स्पीच मामले में मुकदमा करवाया था। इसमें जितेंद्र नारायण त्यागी का नाम भी था। इसके बाद हरिद्वार पुलिस ने 13 जनवरी 2022 को जितेंद्र नारायण त्यागी को यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर से गिरफ्तार किया था । वह करीब चार महीने तक जेल में रहे थे। इसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई। 29 अगस्त 2022 को अंतरिम जमानत समाप्त हो गई है, सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र नारायण त्यागी को दो सितंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया था।