हल्द्वानी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और विकास पुरुष पंडित नारायण दत्त तिवारी की 97 वी जयंती तथा चौथी पुण्यतिथि पर मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। स्वर्गीय एनडी तिवारी के भतीजे दीपक बल्यूटिया की ओर से पॉलीसीट काठगोदाम स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने शामिल होकर स्वर्गीय तिवारी जी को पुष्पांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए दीपक बल्यूटिया ने कहा कि तिवारी जी एक ऐसा व्यक्तित्व थे जो पूरे देश के साथ विदेशों में भी विख्यात थे। ऐसी शख्सियत की विद्वता को पूरी दुनिया में सराहा जाता था। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय का नाम विकास पुरुष पंडित एनडी तिवारी करने की मांग की। बल्यूटिया ने कहा कि तिवारी जी ने हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विकास को आगे बढ़ाया। इसी का परिणाम है कि आज उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर कोई एक पार्टी नहीं बल्कि कांग्रेस, भाजपा, सपा, आप, यूकेडी समेत सभी दलों के लोग कार्यक्रम में मौजूद रहे। इससे साफ है कि तिवारी जी सभी दलों के सर्वप्रिय नेता रहे हैं। उन्हें किसी दल तक सीमित नहीं रखा जा सकता। तिवारी जी ने उत्तराखंड में विकास के विजन को आगे बढ़ाते हुए सिडकुल की स्थापना की थी। जिसमें न केवल प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार मिला, बल्कि तिवारी जी के समय में जितनी भी औद्योगिक इकाइयां स्थापित की गई थी उससे जो भी राजस्व आता है सरकार तनख्वाह उसी से बाटती हैं। आज कहीं ना कहीं ऐसा महसूस होता है कि तिवारी जी के नहीं रहने से प्रदेश में विकास का विजन डगमगा रहा है। आज हमें अपनी सोच को बदलने की जरूरत है। प्रदेश में अपार संभावनाएं और संसाधन भी हैं। सरकार को चाहिए कि तिवारी जी की सोच के अनुसार राज्य को बिजनेस मॉडल में आगे ले जाए।
सभा को सपा नेता शोएब अहमद, आप नेता समित टिक्कू, कांग्रेस नेता ललित जोशी, खजान पांडे, यूकेडी नेता भुवन जोशी, भाजपा नेता ललित जोशी, कांग्रेस नेत्री शोभा बिष्ट, डॉ सीमा धानिक, हरीश टप्पी आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि एनडी तिवारी सबको साथ लेकर चलने वाले सर्वदलीय नेता थे। उन्होंने हमेशा दलगत राजनीति से उठकर विकास कार्यों और दूरदर्शिता की सोच को आगे बढ़ाया। सभी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय का नाम स्वर्गीय एनडी तिवारी जी के नाम से करने की मांग का समर्थन किया। साथ ही हल्द्वानी में विकास पुरुष एनडी तिवारी जी की मूर्ति स्थापित करने की मांग भी की।
कार्यक्रम में खीमानन्द सनवाल, नीरज जोशी, महेशानंद, जीवन तिवारी, भुवन तिवारी, नवीन वर्मा, गणेश भंडारी, रजत भट्ट, मुकुल बल्यूटिया, नितिन बल्यूटिया, नीमा भट्ट, पुष्पा संभल, सविता गुरुरानी, विमला सांगुड़ी, रत्ना श्रीवास्तव, पुष्पा संभल, पीयूष डालाकोटी, प्रेम सती, रेहान शाह, कमल जोशी, हिमांशु पांडे, राजू बिष्ट, विशाल भोजक, शैलेंद्र दानू, रवि जोशी, संजय जैन, वसीम अली, कैलाश शाह, प्रमोद कोटलिया, गजेंद्र गोनिया, दीपक शाह, विनीत बल्यूटिया, निहित नेगी, गीता बहुगुणा, जगदीश भारती, डॉ एके आजाद, विनोद तिवारी, अंकित कनवाल, मोहन सनवाल, वीरेंद्र जग्गी, कुनाल गोस्वामी, पीयूष बल्यूटिया, योगेंद्र बिष्ट, गौरव बल्यूटिया, राहुल बल्यूटिया, सोनू पांडे, सतीश बल्यूटिया, दामोदर बल्यूटिया, मनोज तिवारी, हेमंत मेहता समेत बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के लोग मौजूद रहे।