किच्छा। पूर्व सीएम हरीश रावत ने केंद्र सरकार के बजट को निराशाजनक बताते हुए सरकार को किसान विरोधी करार दिया। कहा 2014 से ही केंद्र सरकार केवल जुबानी जमा खर्च कर किसानों को बरगलाने का काम कर रही है। इसका जवाब देने का मन जनता बना चुकी है।
चीनी मिल धरने पर पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि बजट 2021-22 में सरकार ने हिमालयी राज्यों की उपेक्षा की है। बजट में आम जन से लेकर मध्यम वर्ग की उपेक्षा सामने आई है। कोई नई योजनाएं बजट में नहीं दी गई है। प्रदेश सरकार के बारे में रावत ने कहा उन्होंने सीएम रहते प्रदेश में किसानों के हित में कदम उठाते हुए खरीद मूल्य समय पर घोषित करने के साथ किसानों को गन्ना बोने के लिए प्रेरित किया।
गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए कोअंबटूर के साथ ही लखनऊ गन्ना अनुसंधन केंद्र से गन्ना बीज मंगवा किसानों को उपलब्ध करवाए, जिससे किसानों की लगात कम हो। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार में किसानों को उत्पीडऩ हो रहा है। आबकारी नीति के चलते शीरे से शराब बनाने के लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया के साथ चीनी मिलों की हालत स्वस्थ्य हो इसके लिए बिजली उत्पादन की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी। बड़ी संख्या में किसान आज केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर है जो बदलाव की बयार का साफ संकेत कर रहा है।