हल्द्वानी। उत्तराखंड परिवहन निगम की प्रदेश की सभी बसों में फ़ास्ट टैग के काम न करने से करीब 6 घंटे में लाखों के नुकसान का अनुमान हैं, करीब 7 बजे से निगम की सभी बसो में अचानक फ़ास्ट टैग ने काम करना बंद कर दिया,और टोल प्लाजा में उन बसों को नगद डबल चार्ज देकर इसका खमियाजा भुगतना पड़ा। निगम सूत्रों की माने तो निगम मुख्यालय तैनात अधिकारी की चूक से पूरे प्रदेश में विभाग को सम्भवतः10 लाख का नुकसान हुआ है,इन 6 घंटे में फ़ास्ट टैग के काम न करने पर विभाग की माली हालत पर इस अधिकारी के ऊपर रोडवेज यूनियनों ने गहरी आपत्ति दर्ज की है,यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है इस बड़ी भूल पर दोषारोपित अधिकारी के वेतन से इसकी रिकवरी होनी चाहिये,ज्ञात रहे उत्तराखंड प्रदेश के विभिन्न डिपो की ये बसे देश के अनेक राज्यो में जाती है,जिससे टोल टैक्स के रूप में निगम की बसो को फ़ास्ट टैग के सहारे ये रकम एक मुस्त जमा करनी पड़ती है ,दिल्ली मार्ग में पड़ने वाले ये टोल टैक्स में डबल रुपया लिया गया।
परिवहन निगम के कर्मचारी नेता कमल पपनै के मुताबिक बिलासपुर में 90 रुपये के बदले 180 रुपये ,रामपुर में 405 रुपये के बदले 810 रुपये,जोया में 130 रुपये के बदले 260 रुपये, गढ़ में 195 के बदले390 रुपये, पिलखुवा में 440 रुपये के बदले 880 देना पड़ा।