नई दिल्ली। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से मिला और किरण नेगी और अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को सजा सुनिश्चित किए जाने की मांग उठाई।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड के प्रमुख नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक शिष्टमंडल आज केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजूजी से मिला और उत्तराखंड की दो बेटियां किरण नेगी (दामिनी)और अंकिता भंडारी( अनामिका) हत्या कांड के दोषियों को सजा सुनिश्चित किए जाने की मांग उठाई।
इस प्रतिनिधिमंडल में जिसमें उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप, कांग्रेस के संयुक्त सचिव हरिपाल रावत ,पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट कुशाल जीना, अनिल पंत और अमिताभ श्रीवास्तव ,योगिता भयाना, विक्रांत प्रताप एडवोकेट शामिल थे , करीब आधा घंटा कानून मंत्री के साथ रहा और किरण नेगी हत्याकांड के गुनहगारों के बरी होने पर आक्रोश जताया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि आज उत्तराखंड के एक करोड़ से ज्यादा लोगों के परिवारों में इस बात को लेकर रोष है कि जब किरण नेगी की हत्या हुई है तो कोई तो इसका जिम्मेदार है और जब सेशन कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई है तो सुप्रीम कोर्ट में अभियोग पक्ष ने क्यों मामला ठीक से नहीं रखा ।उन्होंने इस मामले में कानून मंत्री से हस्तक्षेप किए जाने की मांग करते हुए कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं परंतु किरण नेगी के हत्यारों की सजा सुनिश्चित हो यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने अंकिता भंडारी कांड में लिप्त वीआईपी को उत्तराखंड की सरकार द्वारा बचाए जाने की कोशिशों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि अपराधी की कोई धर्म और जाति नहीं होती। इसलिए दोषियों के प्रति किसी भी प्रकार की उदारता बरतना न्याय की दृष्टि से कदापि उचित नहीं है।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने बताया की कानून मंत्री श्री रिजूजी ने
शिष्टमंडल की बातों को अत्यंत ध्यान पूर्वक सुना और विश्वास दिलाया कि अपराधियों को हर हाल में सजा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।
इस मौके पर हरीश रावत ने कानून मंत्री को ज्ञापन भी दिया और सरकार से दोनों हत्याकांडों के गुनहगारों को सजा दिलाए जाने हेतु केंद्र सरकार की त्वरित कार्रवाई की मांग की।