भारतीय सेना का हिस्सा बने 314 नौजवान, 30 विदेशी कैडेट भी पास आउट

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देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 314 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इनके साथ ही 11 मित्र देशों के 30 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। मध्य कमान के जीओसी इन सी ले जनरल योगेंद्र डिमरी ने परेड की सलामी ली।
शनिवार को सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर मार्कर्स काल के साथ परेड शुरू हुई। कंपनी सार्जेंट मेजर प्रियांशु त्यागी, नकुल सिंह तोमर, ओंकार, हिमाल श्रीश थापा, असीम आनंद व गौरव चौहान ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली।
नौ बजे एडवास कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते वामशी कृष्णा के नेतृत्व में परेड के लिए पहुंचे। परेड कमांडर पवन कुमार ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली।

 


कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। आइएमए बैंड, डोगरा रेजीमेंट बैंड व आर्मी बैंड की धुनों और गुनगुनाती धूप के बीच जांबाजों के एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने ने दर्शक दीर्घा में ऊर्जा का संचार किया।
इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकॉप्टरों के जरिए उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी। परेड के बाद निजाम पवेलियन में आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी में भाग लेने के बाद सभी जेंटलमैन कैडेट सेना में अफसर बन गए।
भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड में शामिल होने वाले जेंटलमैन कैडेटों ने शुक्रवार अपराह्न को हैरतंगेज करतब दिखाए।


सोमनाथ स्टेडियम में आयोजित मल्टी एक्टिीविटी डिस्पले में कैडेटों के हैरतंगेज करतब देख दर्शक दीर्घा में बैठे लोग रोमांचित हो उठे। सेना के उच्चाधिकारियों, तमाम गणमान्य लोग व कैडेटों के स्वजन ने दो घंटे तक कार्यक्रम का जमकर लुत्फ उठाया।
पास आउट होने वाले कैडेटों ने माइक्रो एयर लाइट क्राफ्ट (पैरा जंपिंग), घुड़सवारी, ट्रिक राइडिंग, रिंग फायर जंपिग, पीईटी डिस्पले आदि साहसिक करतब दिखाकर शारीरिक व मानसिक संतुलन का बेहतरीन प्रदर्शन किया। डेयर डेविल्स शो भी आकर्षण का खास केंद्र रहा। मार्शल आर्ट, जूडो—करांटे, थाई बाक्सिंग में भी शानदार प्रदर्शन कर कैडेटों ने वाहवाही लूटी।
भारतीय सैन्य अकदामी का एतिहासिक चेटवुड भवन सतरंगी प्रकाश से जगमग हुआ। मौका था पासिंग आउट परेड की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘साउंड एंड लाइट शो’ का।
इस शो के जरिए दिखाया गया कि स्थापना से लेकर वर्तमान तक आइएमए में जेंटलमैन कैडेटों को मिलने वाले सैन्य प्रशिक्षण के साथ ही अकादमी के संरचनात्मक ढांचे में कितना बदलाव हुआ है।
भारतीय सैन्य अकादमी में आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड में शिरकत करने वाले जेंटलमैन कैडेट पास आउट होने से पहले देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैन्य अफसरों की जांबाजी से प्रेरणा लेते हैं।
शनिवार को परेड में शिरकत कर भारतीय थलसेना का अभिन्न अंग बनने वाले 314 जेंटलमैन कैडेटों ने शुक्रवार सुबह आइएमए स्थित युद्ध स्मारक पर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

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