हल्द्वानी के बनभूलपुरा को खाली कराने से पहले प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराई जाए भूमि: करन माहरा

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देहरादून।उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी बनभुलपुरा बस्ती में लगभग 100 वर्ष से निवास कर रहे 4,300 परिवारों को रेलवे द्वारा उच्च न्यायालय में वाद दायर कर बस्ती को एक हफते में खाली करवाये जाने हेतु नोटिस दिए जाने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ध्यान आकृष्ट करते हुए पत्र लिख कर बस्ती में निवास कर रहे परिवारों को अन्यत्र भूमि उपलब्ध करवाये जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी उच्च न्यायालय का सम्मान करती है परन्तु जो लोग विगत 100 वर्षो से बस्ती में निवास कर रहे हैं उन गरीब परिवारों को उजाड़ा जाना क्या उचित है? उन्होंने कहा कि इस तरह का अवमानीय कार्रवाही करना बिल्कुल भी उचित प्रतीत नही होता। उन्होंने कहा कि बस्ती में नगर निगम द्वारा दो प्राथमिक स्कूल, सीवर लाईन, दो इण्टर कांलेज, दो मंदिर, दो बडी पानी की टेंकियां और मस्जिदों की स्थापना की है जिसकी आबादी लगभग 40,000 की है। उन्होंने कहा कि रेलवे का इस तरह का तुगलगी व्यवहार हैरत करने वाला है। उन्होंने कहा अगर यह बस्ती अवैध थी तो आज तक रेलवे के कर्मचारियों ने कार्रवाही क्यों नही की? उन्होंने कहा रेलवे के कर्मचारियों पर भी सख्त कार्रवाही होनी चाहिए। जिन्होंने आज तक कार्रवाही नही की। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे द्वारा बस्ती की भूमि का सीमांकन भी सही तरीके से नही किया गया है। जबकि वहां पर कुछ भूमि उत्तराखण्ड सरकार की भी बताई जा रही है।
श्री करन माहरा ने कहा कि राज्य सरकार व नगर निगम द्वारा बस्ती में निवास कर रहे परिवारों की किसी भी तरह की पैरवी नही की जा रही है। जिससे यह प्रतीत होता है कि राज्य सरकार व नगर निगम रेवले के इस कार्रवाही की पक्षधर है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि सरकार जनहित मेें उन परिवारों के हक लिए उच्च न्यायालय में पैरवी करे ताकि उन परिवारों को राहत मिल सके। श्री माहरा ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा है कि पहले सरकार को इन परिवारों को अन्यत्र बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए तब उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना चहिए। प्राकृतिक न्याय का सिद्वान्त भी कहता है कि पीडित पक्ष को निश्चित रूप से समय देना चाहिए।

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