देहरादून। वनन्तरा रिसार्ट प्रकरण में आरोपितों का नार्को टेस्ट करवाने के मामले में कोर्ट पांच जनवरी को अपना फैसला सुनाएगी। मंगलवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ता कोर्ट में पेश हुए।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि जब एसआइटी इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है तो अब नार्को टेस्ट करवाने का कोई औचित्य नहीं बनता। वहीं एसआइटी यह भी स्पष्ट नहीं कर पाई है कि आरोपितों का नार्को टेस्ट होना है या पालीग्राफ टेस्ट।
दूसरी ओर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि मृतक युवती ने व्हाट्सएप चैटिंग में वीआइपी का जिक्र किया था, जिसके बारे में आरोपित बता नहीं पाए हैं। ऐसे में आरोपों का नार्को टेस्ट करवाना बहुत जरूरी है ताकि पता लग सके कि उस दिन रिसार्ट में कौन वीआइपी आने वाला था।
अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला पांच जनवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। इस बीच कोर्ट आरोपितों से भी उनका पक्ष भी जान सकती है।
असल में हत्यारोपित पुलकित आर्या और सौरभ भास्कर ने पहले टेस्ट करवाने के लिए हामी भरी थी, लेकिन दूसरी सुनवाई में उन्होंने यूटर्न ले लिया।
मंगलवार को होने वाली सुनवाई में पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता और एसआइटी की ओर से आरोपितों का नार्को व पालीग्राफ टेस्ट करवाने के लिए कारण सहित पक्ष रखा गया।
आरोपितों ने भी इस संबंध में अपना पक्ष रखा। इसके बाद कोर्ट की तरफ से इस मसले पर निर्णय सुरक्षित रख लिया गया।वनंतरा प्रकरण की जांच कर रही एसटीएफ ने आरोपितों का नार्को टेस्ट करवाने के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था। 13 दिसंबर 2022 को आरोपित पुलकित आर्या और सौरभ भास्कर ने टेस्ट करवाने के लिए हामी भर दी। जबकि, तीसरे आरोपित अंकित गुप्ता ने टेस्ट करवाने को लेकर जवाब देने के लिए 10 दिन का समय मांगा था। 23 दिसंबर को जब दोबारा कोर्ट में इस संबंध में सुनवाई हुई तो पुलकित आर्या और सौरभ भास्कर ने यूटर्न ले लिया। दोनों आरोपितों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल कर पूर्व में बिना कानूनी सहायता के जेल अधीक्षक के माध्यम से भेजे गए जवाब को वापस लेने की याचना की।