जोशीमठ में संकट: जेपी बिजली कंपनी ने 64 आवासीय कमरे, मैस व 20 टैरेस खाली कराए

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जोशीमठ। जोशीमठ नगर के मकानों सड़कों के दरकने का सिलसिला मंगलवार रात और बुधवार देर रात तक जारी रहा। सिंहधार वार्ड और मारवाड़ी में पिछले दो दिनों से दरारें बढ़ने का सिलसिला जारी है, जिससे लोगों में खौफ बढ़ गया है। प्रशासन ने झुक रहे दोनों होटल स्वामियों को तत्काल इन होटलों में रखे सामान को आवश्यक रूप से हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसके बाद होटलों को खाली होने की कवायद शुरू हो गई है। बुधवार को 27 परिवार सुरक्षित सरकारी भवनों में शिफ्ट किए गए हैं।
सोमवार को जेपी कंपनी के कैंप साइट में निकले मटमैले पानी की मात्रा में बुधवार को बढ़ोतरी हो गई है। यहां पर 12 इंच तक मटमैला पानी निकलने लगा है तो वहीं मारवाड़ी वार्ड में ही जेपी गेट से नीचे की ओर सड़क से नीचे खेत में भी मंगलवार की रात एक और गंदे मटमैले पानी का श्रोत फूट पड़ा है। मारवाड़ी निवासी लोगों ने बताया कि मंगलवार रात उनके आवासीय भवन समेत आसपास के 8 अन्य मकानों में भी दरारें आनी शुरू हो गई हैं। वहीं मारवाड़ी से लगभग 3 किमी ऊपर मुख्य बाजार से लगे हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द मठ में भी मंगलवार की रात दरार आनी शुरू हो गई है, जिसके बाद अपर बाजार के लोगों में भी डर बढ़ गया है। अभी तक अपर बाजार क्षेत्र दरार मुक्त रहा है। जोशीमठ में लगातार बढ़ रहे भू धंसाव के बाद जिलाधिकारी चमोली ने संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी को जोशीमठ में तैनात कर दिया है।
जोशीमठ की दिनों दिन भयावाह होती स्थिति का जायजा लेने प्रदेश के आपदा सचिव गुरुवार को जोशीमठ पहुंचेंगे। संयुक्त मजिस्ट्रेज्ट दीपक सैनी ने बताया कि आपदा सचिव द्वारा जोशीमठ के सभी प्रमुख रूप से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया जाएगा। उधर, आला अधिकारियों ने डेरा डाल दिया है।
मारवाड़ी में स्थित जेपी बिजली कंपनी कैंपस में भू धंसाव बुधवार को भी जारी रहा। कंपनी के 64 आवासी कमरे, अन्नपूर्णा मैस , 20 से अधिक टैरेस, 4 सुरक्षा दीवार पूर्ण जीर्णशीर्ण हो गए हैं तो वहीं कैंपस की सड़क व पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। जेपी कंपनी ने अपने 25 फैमली और 31 इंजीनियरों को लामबगड़ व मारवाड़ी में ही अपने कैंपस के सुरक्षित भाग में शिफ्ट कर दिया है।

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