देहरादून। भू धंसाव का पता लगाने के लिए सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय की टीम जोशीमठ रवाना होगी। रविवार देर शाम यह टीम देहरादून पहुंच गई, जिसमें जल शक्ति मंत्रालय के अलावा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक शामिल हैं।
दो दिन पहले जल शक्ति मंत्रालय ने जोशीमठ भू धंसाव और इसके प्रभाव का तेजी से अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति में नमामि गंगे के अधिकारियों के साथ ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रतिनिधि, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी के वैज्ञानिक, केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम बस्तियों, इमारतों, राजमार्गों, बुनियादी ढांचे और नदी प्रणाली पर जमीन धंसने के प्रभावों का पता लगाएगी। सोमवार को सुबह यह टीम जोशीमठ के लिए रवाना हो जाएगी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के चार अधिकारी सोमवार को देहरादून पहुंचेंगे। यह अधिकारी आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि बैठक में यह तय होगा कि केंद्र किस तरह से जोशीमठ भू धंसाव में सहयोग करेगा।