जोशीमठ में ध्वस्त होंगे असुरक्षित व जर्जर भवन, 603 भवनों में आ गई है दरार

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देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने जोशीमठ भू धंसाव क्षेत्रों से उन सभी भवनों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए जो असुरक्षित हैं, और जिनमें दरारें आ चुकी हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को अविलंब सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
लगातार हो रहे भू धंसाव को देखते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने कहा कि हमारे लिए एक-एक मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्य सचिव ने सोमवार को सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में शासन में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की।  उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र को अविलंब खाली कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाइनों, सीवर एवं विद्युत लाइनों आदि को भी ठीक किया जाए। उन्होंने भू-धंसाव बढ़ने और विद्युत लाइनों से प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न हो।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे इसके लिए चॉपर से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
मुख्य सचिव ने मैन पावर को बढ़ाकर कार्यां को शीघ्र पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए। जोशीमठ में 603 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। डेंजर जोन में चिन्हित भवनों को सील कर दिया गया है।
इसी के साथ आज एसडीआरएफ ने यहां सुई गांव में घर खाली कराने का अभियान शुरू किया तो वहीं मनोहर बाग में प्रभावितों ने खुद ही घर छोड़ने शुरू कर दिया। प्रभावित अपना सामान लेकर निकल पड़े हैं।

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