विद्यार्थियों को पुस्तकों के प्रति आकर्षित करने के लिए डीडीहाट, कनालीछीना में चलेगा विशेष अभियान

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डीडीहाट। बालकों को पुस्तकों के प्रति आकर्षित करने के लिए कनालीछीना और डीडीहाट विकासखंडों में विशेष अभियान संचालित होंगे। दोनों विकासखंडों में हाईस्कूल और इंटर कालेजों के प्रधानाचार्यों की बैठक में यह निर्णय ले लिया गया है।
पढ़ने की संस्कृति को विकसित करने के उद्देश्य से खंड शिक्षा अधिकारी हिमांशु नौगांई विशेष प्रयास कर रहे हैं। दीवार पत्रिका, एक अभियान के संयोजक महेश पुनेठा के साथ कनालीछीना और डीडीहाट में संपन्न बैठक में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी हिमांशु नौंगाई ने दोनों विकासखंडों में प्रधानाचार्यों को सुझाव दिए हैं कि बच्चों के बीच नई पुस्तकों की चर्चा की जाए। कक्षा शिक्षण के दौरान विषयवस्तु से जुड़ी पुस्तकों का उल्लेख कर पुस्तकालय से पढ़ने के लिए कहा जाय। पढ़ी हुई किताबों पर अपने विचार लिखने के लिए बच्चों को प्रेरित किया जाए। प्रार्थना स्थल पर समीक्षा का प्रस्तुतीकरण करवाया जाय।पुस्तकालय का संचालन करने में बच्चों की भी सहायता ली जाए।
आलमारियों में बंद किताबों को बच्चों के हाथों तक पहुंचाया जाए।पुस्तकालय के उपयोग और किताबों की समीक्षा में बच्चों के सुझाव का सम्मान किया जाए । बच्चों को पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जाए। छात्र छात्राओं द्वारा प्रस्तुत विचारों का अभिलेखीकरण भी विद्यालय स्तर पर किया जाए ताकि उनके कार्यों में निरंतर सुधार और प्रगति को भी देखा जा सके।पुस्तकालय के लिए बच्चों की रुचि और स्तर को ध्यान में रखकर किताबें खरीदी जाएं। स्कूलों में पुस्तकालय के लिए अलग से कोई कक्ष न भी हो तो उपलब्ध कक्षों में ही इसकी शुरुआत की जाए। समय चक्र में पुस्तकालय को स्थान दिया जाए। पुस्तकालय और दीवार पत्रिका को परस्पर जोड़ा जाए।
पुस्तकालय को गतिविधि केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।
दोनों विकासखंडों में आयोजित बैठकों में दीवार पत्रिका के संयोजक महेश पुनेठा ने दीवार पत्रिका की निर्माण प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी।
जिला बाल कल्याण समिति ने बाल अपराधों, बालकों के प्रति लगातार बढ रहे लैंगिक अपराधों, नशावृत्ति, मोबाइल के लगातार बढ़ते खतरों से बचपन को सुरक्षित रखने की जरूरत पर बल दिया है। समिति सदस्य जगदीश कलौनी ने सरकारी और निजी स्कूलों में बालमित्र वातावरण तैयार करने के लिए बालकों को पुस्तकालय से जोड़ने और उनको दीवार पत्रिका से जोड़ने की अपील की है।

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