देहरादून। देहरादून के कालसी-चकराता रोड पर 12 फरवरी को हुई संतराम की मौत सड़क हादसा नहीं थी, बल्कि पत्नी ने प्रेमी व उसके दोस्त के साथ मिलकर पति की हत्या कराई थी।
डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने आज इसका खुलासा किया। घटना में यह स्पष्ट हुआ कि पति के दोस्त को पत्नी दिल दे बैठी थी। पति को रास्ते से हटाने के लिए पत्नी ने अपने प्रेमी संग खौफनाक चाल चली। पुलिस जिस युवक मौत को सड़क हादसा मान रही थी, असल में उस युवक की की हत्या उसी की पत्नी ने प्रेमी संग कर दी। 12 फरवरी को कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जजरेट के पास संतराम की बाइक दुर्घटना में मौत नहीं हुई।
बल्कि संतराम की पत्नी ने अपने प्रेमी व उसके दोस्त से संतराम की एक सुनियोजित साजिश के तहत हत्या करवाई। आरोपियों ने हत्या को दुर्घटना का रूप देने के लिए मृतक संतराम के शव व बाइक को जजरेट की पहाड़ी से नीचे खाई में गिरा दिया था। कोतवाली पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए मृतक की पत्नी, उसके प्रेमी व दोस्त को गिरफ्तार कर आरोपियों के खिलाफ गुमशुदगी के मुकदमें को हत्या व षडयंत्र में तरमीम कर दिया है।
इंद्रा देवी पत्नी संतराम मूल निवासी रताड पोस्ट बजऊ तहसील कालसी हाल निवासी धन्वतंरी अस्पताल रसूलपुर विकासनगर ने 13 फरवरी को कोतवाली पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई। तहरीर में इंद्रा देवी ने कहा कि उसका पति संतराम 32 पुत्र मेहर सिंह हाल निवासी रसूलपुर विकासनगर 12 फरवरी अपरान्ह करीब चार बजे रसूलपुर से अपनी
बाइक पर हरबर्टपुर काम लेने के लिए गया था। लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटा।
जिस पर कोतवाली पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर मामले की जांच शुरु की। वहीं 13 फरवरी को कालसी पुलिस ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जजरेट में दुर्घटना हुई है। जिसमें शव पंचास मीटर गहरी खाई में व बाइक करीब सौ मीटर गहरी खाई में गिरे मिले। जिस पर कोतवाली पुलिस ने संतराम के परिजनों को मौके पर शिनाख्त के लिए भेजा। जिसकी शिनाख्त संतराम के रूप में हुई।
लेकिन संतराम के परिजनों ने पुलिस के पास संतराम की हत्या की आशंका व्यक्त की। पुलिस ने शव का पंचनामा पोस्ट मार्टम कराया। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में संतराम के सिर पर चोटों के घाव में मामला संदिग्ध पाया गया। जिसमें पुलिस को लगा की संतराम की हत्या ही हुई जिसके बाद घटना स्थल पर सीसीटीवी फुटेज व अन्य साक्ष्य जुटाये गये। मृतक संतराम के मोबाइल फोन की सीडीआर व घंटना स्थल के आसपास के डंप डाटा खंगाले गये ।
जिसमें मृतक संतराम के फोन की सीडीआर में एक संदिग्ध नंबर जो आशीष पुत्र मुकेश कुमार निवासी वार्ड संख्या दो अदर्श विहार हरबर्टपरु की निकला। जिस पर पुलिस ने आशीष कुमार को गिरफ्तार कर उससे सख्ती से पूछताछ की। जिस पर आशीष कुमार ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि उसके दोस्त मुकेश पुत्र ननकु निवासी तेलपुर विकासनगर ने व उसने मिलकर संतराम के सिर पर हथोडे से वार कर उसकी हत्या की।
आशीष ने बताया कि शव को ठिकाने लगाने के लिए मुकेश के मैजिक वाहन से संतराम की बाइक व संतराम को जजरेट की पहाड़ी से गिरा दिया। बताया कि इस साजिश में मुकेश की पत्नी इंदिरा भी शामिल रहे। जिसके बाद पुलिस ने मुकेश कुमार मैजिक सहित त्रिशला देवी धर्मशाला जाने वाले रास्ते से व मृतक की पत्नी इंद्रा देवी को गिरफ्तार किया।
एसएसपी दिलीप सिंह ने पूरे हत्याकांड का खुलासा करते कि तीनो आरोपियों के खिलाफ हत्या, षडयंत्र व साक्ष्य छुपाने का हुए बताया मुकदमा दर्ज कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। बताया कि हत्या में प्रयुक्त हथोडा, चुन्नी, मैजिक वाहन बरामद कर दिये हैं। एसएसपी ने हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को दस हजार रुपये नगद ईनाम देने की घोषणा की।
पुलिस टीम में सीओ विकासनगर संदीप सिंह नेगी, कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट, चौकी प्रभारी हरबर्टपुर पंकज कुमार, एसआई आदित्य सैनी, कांस्टेबल विक्रमसिंह, मंजीत, जगमोहन, प्रवीण कुमार, मोनू, अशोक, रजनीश, अमित, आशा, सीमा, एसओजी देहात से एसआई दीपक धारीवाल, कांस्टेबल नवीन कोहली, जितेंद्र, सोनी, व मनोज शामिल रहे।