मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना में मुनस्यारी को शामिल न करने से जनप्रतिधि नाराज, धरना-प्रदर्शन की धमकी, अफसरों के आश्वासन पर माने

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पिथौरागढ़। मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना में विकास खंड मुनस्यारी को शामिल नहीं किए जाने से नाराज पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा बीडीसी की बैठक में धरना प्रदर्शन की धमकी के साथ ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों ने बातचीत कर आंदोलन टालने में सफ़लता प्राप्त की। इस योजना के लिए पयालन आयोग को नवीन प्रस्ताव भेजने के लिए सहमति हुई।
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए जिले के गंगोलीहाट, बेरीनाग, मूनाकोट, कनालीछीना चार विकास खंडों के गांवों को चयनित किया गया है। इसकी भनक लगते ही पलायन की सबसे अधिक मार झेल रहे इस विकास खंड के एक भी एक गांव चयनित नहीं होने पर पंचायत प्रतिनिधियों ने आंदोलन का ऐलान किया था।
जिलाधिकारी को पत्र लिखकर नाराजगी जताई थी। बीडीसी की बैठक इस बात को लेकर आंदोलन की भनक को समझते हुए डीआरडीए के परियोजना निदेशक आशीष पुनेठा बैठक से एक दिन पहले वृहस्पतिवार को यहां पहुंचे।
विकास खंड कार्यालय में जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया, ग्राम प्रधान पंकज बृजवाल, मनोज मर्तोलिया, रमेश नेगी, महेश रावत ने वार्ता में भाग लिया। पीडी पुनेठा ने बताया कि पलायन आयोग द्वारा अपने सर्वे के अनुसार विकास खंडों के भीतर गांवो का चयन किया है। वार्ता में बैठे पंचायत प्रतिनिधियों ने इस चयन पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस चयन में राजनैतिक गंध आ रही है। जिले में सबसे अधिक पलायन इस सीमांत विकास खंड से हुआ है। इसका चयन नहीं होना, किसी के गले नहीं उतर रहा है।
परियोजना निदेशक पुनेठा ने बताया कि शासन तथा पलायन आयोग को मुनस्यारी विकास खंड के पलायन वाले गांवों को इस योजना में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा। तब जाकर पंचायत प्रतिनिधि शांत हुए।
इस सहमति पर पंचायत प्रतिनिधियों ने बीडीसी बैठक में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय वापस लिया। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि पलायन मुख्यमंत्री रोकथाम योजना के चयन में मनमानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष इस चयन में सीमांत के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। वार्ता में खंड विकास अधिकारी दुर्गा राम आदि अधिकारी मौजूद रहे।

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