हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल में जलजीवन मिशन के अन्तर्गत होने वाले कार्यो की समीक्षा बैठक के दौरान आयुक्त दीपक रावत ने मंडल में जलजीवन मिशन कार्यों को गुणवत्ता युक्त, समय से पूर्ण कराने के निर्देश जलजीवन मिशन के महाप्रबन्धक, अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता को दिये। कहा कि भारत व राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य समय पर आम जन को पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराना है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं कि जायगी। मानकों की अनदेखी करने पर सम्बन्धित के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने महाप्रबंधक जलजीवन मिशन को निर्देशित किया कि जनपद में संचालित, स्वीकृत योजनाओँ का पूर्ण विवरण दिनाँक सहित प्रस्तुत किया जाए कि कौन से योजना किस स्तर पर लंबित है। बैठक में महाप्रबन्धक जल संस्थान डी के सिंह द्वारा बताया गया कि कुमाऊं मण्डल में 1479 करोड़ रुपए की 1503 डीपीआर स्वीकृत है। जल संस्थान द्वारा 980 योजनाओं में कार्य गतिमान है तथा 182 योजनाओं पर मरम्मत एवं स्त्रोत सुदृढीकरण का कार्य नवम्बर 2022 में पूर्ण कर लिया गया है।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत महाप्रबन्धक स्तर पर 2 करोड से 5 करोड, अधीक्षण अभियंता स्तर पर 75 लाख से 2 करोड तथा अधिशासी अभियंता स्तर पर 75 लाख तक की योजनाओं को स्वीकृति अधिकार है। मण्डलायुक्त ने जीएम को प्रत्येक स्तर पर लम्बित योजनाओं का विवरण देने व निर्धारित समय मे गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए।
आयुक्त ने कहा कि जल जीवन मिशन का उद्देश्य उन ग्रामीण इलाकों में पानी की सुविधा उपलब्ध करवाना है। बढ़ती जनसंख्या के साथ साथ पानी जैसी समस्या भी बढ़ती जा रही है ऐसे कई ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही शहरी क्षेत्रों में जहां पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है और लोगों को कई दूर पैदल चल कर पानी लाना पड़ता है। उन्होंने कहा इस मिशन के तहत जिन इलाकों में पानी नहीं है वहां हर घर में पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को युद्व स्तर पर कार्य योजना बनानी होगी तभी हम जल जीवन मिशन की योजनाओं को मूर्त रूप दे सकते हैं। उन्होंने महाप्रबन्धक को निर्देश कि पाईप लाईनों मे पानी के रिसाव को शीघ्र मरम्मत कराने भी निर्देश दिये साथ ही उन्होंने कहा प्रतिदिन हो रहे कार्यो की मानिटरिंग की जाए और फीडबैंक रिपोर्ट भी दी जाए।
बैठक में महाप्रबन्धक जल जीवन मिशन डी के सिंह, अधीक्षण अभियंता विशाल सक्सेना, उपनिदेशक अर्थसंख्याधिकारी राजेन्द्र तिवारी आदि उपस्थित थे।