देहरादून। देहरादून में पर्ल्स ग्रीन फोर्ट लिमिटेड (पीजीएफ) और पर्ल्स एग्रोटेक कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) की जमीन फर्जी तरीके से बेचने के मामले में रायपुर पुलिस ने मुख्य आरोपी को पकड़ लिया। उस पर डेढ़ करोड़ की धेखाधड़ी का आरोप है। थानाध्यक्ष कुंदन राम ने बताया कि पीजीएफ के कर्मचारी सिकंदर सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह निवासी गुजराड़ा देहरादून पर अमित कुमार, अंकित वर्मा, विजय कुमार, राजेश अग्रवाल, नदीम के साथ मिलकर आमवाला तरला सहस्रधारा रोड स्थित पीएसीएल, पीजीएफ की भूमि खुर्दबुर्द करने का आरोप था।
सिकंदर नाम के व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल कर कूटरचित रजिस्ट्रियां की गई थीं। इस पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच में पता चला कि पीएसीएल और पीजीएफ के स्वामित्व की भूमि को लेकर उच्चतम न्यायालय ने विशेष कमेटी गठित की है। निर्णय लेने के सभी अधिकार इस कमेटी को हैं । कमेटी ने सिकंदर नाम के व्यक्ति भूमि के क्रय-विक्रय का अधिकार नहीं दिया था। जांच में सिकंदर का आधार कार्ड फर्जी पाया गया। जबकि, उसने अमित, अंकित वर्मा और विजय को पावर ऑफ अटार्नी दी। इसमें विक्रांत चौरसिया पुत्र राकेश चौरसिया और प्रकाश सिंह पुत्र हुसन चंद गवाह हैं।
जांच में पाया गया कि अमित, अंकित वर्मा और विजय ने सिकंदर नाम का फर्जी व्यक्ति खड़ा किया। फर्जी पावर ऑफ अटार्नी से जमीन खुदबुर्द की गई। इस मामले में दो मार्च 2023 को आरोपी विक्रांत को चुक्खूवाला से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मुख्य आरोपी अमित कुमार पुत्र विनोद कुमार निवासी 168 दून विहार जाखन को भी पकड़ लिया गया। वो करीब सात माह से फरार था। उस पर फर्जी तरीके से जमीन खरीदने और बेचने का आरोप है। दून पुलिस बाकियों की तलाश कर रही है।