नई टिहरी। मुख्यमंत्री के भ्रमण के नाम पर वाहनों के फर्जी बिलों से लाखों रुपये लेने वाले पति-पत्नी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बर्मन की अदालत ने सात-साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दस-दस हजार रुपये अर्थदंड के साथ दोनों से धोखाधड़ी से हड़पी गई 18 लाख 27 हजार रुपये की रकम एक महीने में वसूलने के आदेश दिए हैं।
सहायक अभियोजन अधिकारी अनुराग वरुण ने बताया कि वर्ष 2012- 2013 में टिहरी सीएमओ कार्यालय ने देहरादून के काला टूर एंड ट्रैवल मोथरोवाला, धर्मपुर को 81 टैक्सी बिलों के एवज में 18 लाख 27 हजार रुपये का भुगतान किया। ट्रैवल कंपनी संचालक ने कहा कि ये सभी वाहन मुख्यमंत्री के भ्रमण कार्यक्रमों में उनके काफिले के साथ भेजे गए थे।
विभागीय जांच के बाद नई टिहरी कोतवाली में सात फरवरी 2015 को काला टूर एंड ट्रैवल मोथरोवाला धर्मपुर के संचालक सुशील उनियाल और ज्योति काला के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मंगलवार को दोनों अभियुक्त सुशील उनियाल और ज्योति काला को सजा सुनाई। इस बहुचर्चित घोटाले में प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी मुकदमे चल रहे हैं।






