आईआईटी रुढ़की के नाॅन कनटेंमेंट हाॅस्टल के छात्रों व स्टाफ को 21 अप्रैल तक घर लौटने के निदेॅश

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हरिद्वार। उत्तराखंड में आईआईटी रुड़की में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर प्रबंधन ने नॉन-कंटेनमेंट हॉस्टल में रह रहे छात्रों और प्रोजेक्ट स्टॉफ को घर लौटने की सलाह दी है। कोरोना की दूसरी लहर में रुड़की आईआईटी में भी केस बढ़ रहे हैं। चार हॉस्टल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। कोविड केयर सेंटर भी बनाया गया है। कोरोना केस आने पर कक्षाओं को पहले ही बंद कर दिया गया था। आईआईटी मीडिया सेल की प्रमुख सोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि हॉस्टल में छात्रों और सहायक कर्मचारियों के बीच बढ़ते दैनिक नए कोविड-19 पॉजिटिव केस हॉस्टल में रहने वाले छात्रों और प्रोजेक्ट स्टॉफ के हित में नहीं है।
इसलिए नॉन-कंटेनमेंट हॉस्टल्स में रहने वाले छात्रों और प्रोजेक्ट स्टॉफ को 21 अप्रैल की शाम तक अपने घर वापस जाने के लिए कहा गया है। जिन छात्रों को अपने राज्यों में प्रवेश के लिए आरटी-पीसीआर रिपोर्ट की आवश्यकता होगी, उनका टेस्टिंग किया जा रहा है और उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मंगलवार को उपलब्ध करा दी गई है। छात्रों को उनके घरों तक पहुंचने में बाधा न आए इसके लिए स्टूडेंट्स वेलफेयर विभाग के डीन द्वारा एक सहायक पत्र प्रदान किया जा रहा है। जिससे छात्र व प्रोजेक्ट स्टॉफ को परेशानी न हो और आसानी से वह घर पहुंच पाएं।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। उत्तराखंड में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रूड़की के 80 छात्र कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जिसके बाद पांच हॉस्टल को सील कर दिया गया था और इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था। आईआईटी रूड़की की मीडिया सेल प्रभारी सोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि एक हॉस्टल को कोविद केयर सेंटर में बदला गया वहीं, आईआईटी रुड़की प्रशासन ने छात्रों को अपने कमरों में ही खुद को आइसोलेट करने के लिए निर्देश दिए थे।

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