ग्राफिक एरा में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन: युवाओं को जंग फूड का विकल्प दें वैज्ञानिक: रेखा आर्य

ख़बर शेयर करें -

देहरादून। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं महिला सशक्तिकरण मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने वैज्ञानिकों से युवाओं को जंग फूड का विकल्प देने का आह्वान किया है। वह आज ग्राफिक एरा में न्यूट्रास्युटिकल एंड फंक्शनल फूड पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहीं थीं।
श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि मोटा अनाज परम्परागत रूप से हमारे खानपान में शामिल रहा है। बाजरा, मंडवा, झंगोरा, कोट्टू, चीना, कंगनी ऐसे ही अनाज हैं। कोविड के समय दुनिया के उन देशों में ज्यादा जनहानि हुई है, जहां जीवनशैली और खानपान की आदतें प्रकृति से जुड़ी नहीं हैं। उस समय हम आबादी के हिसाब से दुनिया में दूसरे नंबर पर थे, लेकिन जीवन शैली और खानपान प्रकृति से जुड़े होने के कारण देश में विदेशों जितनी जनहानि नहीं हुई।
खाद्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पूरे वर्ष को मिलेट्स से जोड़ दिया है। मोटे अनाज को थाली से जोड़ने का प्रधानमंत्री का यह कदम लोगों के स्वास्थ्य और ग्रामीण अर्थ व्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मोटे अनाज को थाली से जोड़ना मन और मस्तिष्क के लिए बहुत जरूरी है। यह एक पुराना सिद्धांत है कि जो आप खाते हैं, वही आप होते हैं। इस सिद्धांत को जीवन में उतारा जाए, तो मन, मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ रहेंगे।
श्रीमती आर्य ने कहा कि मोटापे एक बड़ी समस्या है और इसका सबसे बड़ा कारण फास्ट फूड है। वैज्ञानिकों को फास्ट फूड से युवाओं को बचाने के लिए इसका विकल्प देने का आह्वान किया। इस दिशा में जागरुकता लाने और शोध को बढ़ावा देने के ग्राफिक एरा के प्रयासों की सराहना की।
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने कहा कि यूनाइटेड नेशन की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में पूरी दुनिया में 76.80 करोड़ लोग कुपोषण का शिकार थे। इनमें से अकेले 22.40 करोड़ लोग अकेले भारत में थे। ये वे लोग हैं जिन्हें पोषण के लिए आवश्यक खाद्यान्न नहीं मिलता। इनके अलावा वे लोग हैं जो अपनी जीवन शैली और जंग फूड ज्यादा खाने के कारण मोटापे और कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे लोगों को जंग फूड से दूर करने के लिए पौष्टिक आहार से जोड़ना जरूरी है। इसके लिए वैज्ञानिक शोध करके जायके और पौष्टिकता से जुड़े फूड तैयार करने हैं। डॉ घनशाला ने उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों तक में गर्भवती महिलाओं और बच्चों तक पौष्टिक खाद्यान्न पहुंचाने की व्यवस्था के लिए महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री को साधुवाद दिया।


समारोह में रायसेरा ग्रुप ऑफ कम्पनीज के चेयरमैन डॉ अचरू राम शर्मा और ओसाका सिटी यूनिवर्सिटी जापान के प्रोफेसर एमिरेटस काटसू योशी निशीनारी को उनके विशिष्ट कार्य के लिए लाईफ टाईम एजीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। यह सम्मेलन दो दिन चलेगा। सीएफआईआरआई मैसूर की निदेशक प्रो. श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह और देश विदेश के काफी वैज्ञानिक व शोधकर्ता इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह ने देश विदेश के प्रतिभागियों का स्वागत किया।

Ad
Ad