नर बाघ की मौत से वन विभाग में मचा हड़कंप, विभागीय टीम के साथ पहुंचे पशु चिकित्सक

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कोटद्वार। नर बाघ की मौत होने से यहां वन विभाग में हड़कंप मच गया घटना कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग के सोनानदी रेंज के अंतर्गत कालु सिद्ध पश्चिमी वीट की बताई जाती है जहां नियमित गश्त के दौरान एक नर बाघ को मृत अवस्था में पाया गया घटना की सूचना तुरंत टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को दी जिसके बाद मौके पर पहुंचे उप वन संरक्षक कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडाउन ने घटनास्थल पर पहुंचकर उच्च अधिकारियों को सूचित किया तथा नर बाघ के शव को कब्जे में लेकर उसे शव विच्छेदन हेतु एक पैनल गठित किया गया।
इस दौरान मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम के साथ वरिष्ठ पशु चिकित्सक कार्बेट टाइगर रिजर्व डॉक्टर दुष्यंत शर्मा. डॉक्टर बीपी गुप्ता .वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी कोटद्वार डॉ राजेश कुमार .पशु चिकित्सा अधिकारी कुकुट परियोजना कोटद्वार ने जांच पड़ताल करने के बाद मौके पर मृत बाघ का शव विच्छेदन कर बाघ का बिसरा सुरक्षित रखकर डॉक्टरों की टीम ने शव विच्छेदन करने के बाद उस के अवशेषों को एनटीसीए के मानकों के अनुसार जलाकर नष्ट किया . बताया जाता है कि प्रथम दृष्टा नर बाघ की मौत आपसी संघर्ष के कारण प्रतीत होती है मृत बाघ को पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा व्यस्क बताएं गया. मृत बाघ के विभिन्न अंगों के सैंपल एकत्र कर परीक्षण हेतु आर बी आर आई बरेली भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून भेज दिया गया है टीम की जांच पड़ताल में बाघ के समस्त वाह्य अंग सुरक्षित थे।।

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