हल्द्वानी। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड की प्रदेश कार्यकारिणी ने विद्युत नियामक आयोग द्वारा इस आपातकाल में विद्युत दरों की वृद्धि फर गुस्सा जताया है। प्रदेश सरकार से कहा कि गत वर्ष से वर्तमान तक कोरोना संक्रमण के कारण पूरे प्रदेश का व्यापार चौपट हो गया है पर्यटन और तीर्थाटन पर हमारे प्रदेश का 70 फीसदी व्यापार आधारित है हमारे व्यवसायी तो विद्युत व पानी के बिलों पर सरकार से छूट देने की मांग कर रहे हैं ऐसे में यदि विद्युत दरों को बढाया गया तो हम चुप नही बैठेंगे । संगठन के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने कहा कि वे भी सन् 2004 से 2010 तक विद्युत नियामक आयोग के सम्मानित सदस्य रह चुके हैं लेकिन आज की परिस्थित विद्युत दरों को बढाये जाने के लिए प्रतिकूल हैं। हमारे प्रदेश के हजारों होटल व्यवसाइयों ने अपने होटलों के रखरखाव का पैसा भी कर्ज ले कर किया है और अब उनके पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे भी नही हैं। सरकार बिजली पानी के बिलों में छूट देने के बजाय विद्युत दरें बढ़ा रही है तो हम इन परिस्थितियों में आन्दोलन के लिए मजबूर होंगे। प्रदेश महासचिव प्रकाश मिश्रा ने सरकार से अनुरोध किया है कि 2021 मेें विद्युत दर किसी भी हालत में न बढाई जाय। प्रदेश कोषाध्यक्ष एन सी तिवारी व प्रमोद गोयल ने भी इस समय विद्युत दरें बढाने का व्यापक विरोध व्यक्त किया है। संगठन के संयुक्त महासचिव राजेश अग्रवाल व दिनेश डोभाल, गुलशन छावडा ने भी अपना रोष व्यक्त करते हुए व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी है।