हरिद्वार। हरिद्वार पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट में लिप्त तस्करों का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह की लक्सर से अन्य प्रांतों में थी ड्रग्स वितरण की योजना थी। एसएसपी के इनपुट पर हरिद्वार पुलिस को यह बड़ी सफलता मिली। पुलिस ने इस चरस तस्कर से करीब 3.7 किलोग्राम चरस बरामद की गई है। यह गिरोह नेपाल के रास्ते बिहार, उत्तर प्रदेश समेत एवं अन्य प्रांतों से छुपकर धर्मनगरी हरिद्वार के युवाओं की नशा उपलब्ध करा रहा था। चरस बेहद शातिर तरीके से “ब्लाउजनुमा पाॅकेटदार जैकेट में” छुपाकर बिहार से लाई जाती थी। पुलिस अन्य की तलाश में उत्तर प्रदेश समेत संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है। एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि
नशा किसी भी समाज को खोखला कर देता है, हमारी कोशिशें जारी हैं हम इस धंधे में लिप्त अंतिम अपराधी को भी जेल भेजेंगे।
मुख्यमंत्री उतराखण्ड के “ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025 अभियान’’ के अन्तर्गत कड़ी कार्रवाई करते हुए हरिद्वार पुलिस ने एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह को मिले इनपुट के आधार पर बड़ी सफलता हासिल करते हुए “सी.ओ लक्सर एवं कोतवाली लक्सर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त वकील के घर संयुक्त रूप से मारे गए छापे में अभियुक्त वकील पुत्र असगर के घर के अंदर टीन के बक्से में छुपाकर रखी गयी लगभग 3.7 किलोग्राम चरस को बरामद करने में सफलता हासिल की है।
अभियुक्त वकील अपने साथी असलम अंसारी निवासी बिहार के साथ मिलकर लंबे समय से चोरी छिपे चरस की तस्करी करता था। ये इतने शातिर तरीके से अपना काम करते थे कि पकड़ में नहीं आ पाए थे। असलम नेपाल के रास्ते चरस को भारत में बिहार राज्य में लाता था वहां से गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) समेत अन्य प्रांतों में पहुंचाता था। इसके द्वारा लक्सर में गुपचुप तरीके से एक कमरा भी इसी काम के लिए लिया गया था जहां से माल की डिलीवरी अभियुक्त वकील को हो जाने पर, फिर से कमरा बंद करके वापस बिहार चला जाता था। एक बार माल की डिलीवरी अभियुक्त वकील को हो जाने पर आगे की जिम्मेदारी वकील की हो जाती थी।
अभियुक्त वकील व असलम द्वारा चरस को पहले नेपाल से भारत में बिहार राज्य लाकर उसके बाद बेहद शातिर तरीके से बिहार राज्य से शरीर मे बलाउजनुमा जैकेट के अंदर बनाए गए छोटे छोटे पैकेट में इस प्रकार छुपाकर ले जाया जाता था कि सामने से देखने पर किसी भी व्यक्ति को कोई शक नहीं होता था। हरिद्वार पुलिस ने अपनी पड़ताल में अभियुक्त के कब्जे से उस जैकेट को भी बरामद किया है।
प्रकरण में कोतवाली लक्सर पुलिस ने एन०डी०पी०एस० एक्ट के अन्तर्गत गंभीर धाराओं में मु०अ०सं० 542/23 धारा 8/20/29 एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत अभियोग दर्ज कर, अभियुक्त वकील को जेल भेजा जा रहा है जबकि इसके साथी अभियुक्त असलम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम द्वारा यू०पी०, बिहार समेत सभी संभावित स्थानों में दबिशें दी जा रही हैं। विवेचना जारी है। इनके आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।
पूरे उत्तराखंड समेत हरिद्वार पुलिस द्वारा भी समय-समय पर चलाए जाने वाले सत्यापन अभियान के दौरान किरायेदारों की जानकारी न देने वाले मकान मालिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती रही है परंतु पुलिस द्वारा बार-बार संचार के विभिन्न माध्यमों के द्वारा भी सूचना को प्रचारित-प्रसारित किए जाने के बावजूद भी लोगों द्वारा किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराए जाने से ऐसे लोगों को रुकने का ठिकाना मिल जाता है।
इस मामले में भी अभियुक्त असलम की जानकारी पुलिस से छुपाकर, उसको अपने घर में पनाह देने पर मकान मालिक के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस एक्ट के अंतर्गत नियमानुसार चालान की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस टीम में क्षेत्राधिकारी लक्सर मनोज कुमार ठाकुर, वरिष्ठ उपनिरीक्षक अंकुर शर्मा, उपनिरीक्षक मनोज नौटियाल चौकी प्रभारी सुल्तानपुर, हेड कांस्टेबल पंचम प्रकाश, कांस्टेबल अजीत तोमर, प्रभाकर शामिल थे।