आपातकाल एक कलंक, भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा काला अध्याय: भाजपा

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हल्द्वानी। भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने कहा कि आपातकाल एक कलंक था। यह भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे बड़ा काला अध्याय के समान है। भारत के लोग 25जून 1975 के काला अध्याय के रुप में याद करेंगे।
आज एमबीपीजी कालेज हल्द्वानी में भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे काले अध्याय 25जून 1975 आपातकाल,, प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसका सामूहिक रुप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई और आपातकाल में मुख्य अतिथियों का स्वागत किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट ने की। कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत, नैनीताल विधायक सरिता आर्या, लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट, भीमताल विधायक रामसिंह कैड़ा,महापौर जोगिंदर रौतेला, पूर्व महामंत्री व कुमाऊं जनसंपर्क अभियान संयोजक सुरेश भट्ट,प्रदेश सह कोषाध्यक्ष साकेत अग्रवाल,प्रवक्ता प्रकाश रावत, प्रवक्ता विकास भगत, प्रदेश कार्यालय सचिव कौशतुभान्नद जोशी, प्रदेश अनुशासन समिति अध्यक्ष दीपक मेहरा , राकेश नैनवाल, सह मीडिया प्रभारी चंदन बिष्ट मौजूद थे। संचालन कार्यक्रम के संयोजक हरिमोहन अरोरा ने किया ।
जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट ने कहा आपातकाल का वह काला अध्याय हम कभी भुलाया नही जा सकता। हमारे बुजुर्ग लोगों ने उस समय बहुत दुख झेले हैं। आज हम और हमारी पार्टी को हमारे मेहनती और सर्वतृत्व बलिदान करने वालों ने इसे अपने तपोबल से सींचा है। जिससे हम और हमारे कार्यकर्ताओं को बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है। हमारे अनेकों इतिहास रहे हैं ।
पुनीत लाल ढींगरा ने आपातकाल के उस समय के दर्द को साझा करते हुए कहा की हमने देश का विभाजन व बंटवारा भी देखा, लेकिन सबसे भयंकर दंश को झेला जो भी अन्य पार्टी के और स्वयंसेवक को को इन्दिरा गांधी के कांग्रेस के शासन मे हमे बड़ा प्रताड़ित किया गया। हमे जेलों में डाल दिया गया। हम जैसे जनसंघ के का मात्र कांग्रेस के द्वारा जनसंघ के लोगों को चुन चुन कर प्रताड़ित किया। हमारे घर के लोगों को परेशान किया गया।
आपातकाल के समय को देख चुके वेद अग्रवाल ने बताया तीन जुलाई 1975 को आर एस एस पर बैन लगाया गया था, तब मेरे घर व दुकान को कुंडक कर दिया गया। मैंने कभी अपने मनोबल को टूटने नही दियाह हमें बहुत परेशान किया गया लेकिन वो हमारी विचारधारा को नही मार पाते क्योंकि हम में संघ के द्बारा आत्मविश्वास कूट कूट कर भरा गया था। जो वृक्ष हमने लगाया था आज व वृक्ष बाग-बाग हो गया है। आज हमारे बच्चों को हमको फल दे रहा है आज हमारे वृक्ष केन्द्र में सरकार है और प्रदेश में सरकार है। हमारे प्रयास आज सार्थक हुआ है।


पूरन चंन्द्र शर्मा ने कहा यह आपातकाल हमारे देश पर बहुत बड़ा कलंक था, लोगों के नाखून खीच लिए जाते थे। महिलाओं का अपमान हुआ। नमस्कार कहने में हमें डर लगता है। समय एक सा नही रहता आज वह काला दिवस गया और प्रभात काल आया है। इसलिए यह काल आज का सदा जगमग रहना चाहिए।
श्रीधर कौशिक ने कहा हम उस समय विधार्थी परिषद में थे। तब हमें राजनीतिक चस्का लग गया था हमें सेन्ट्रल जेल में भेड़ बकरियां की तरह ठूंस दिया गया। हम मानसिक तनाव में रहे। आज हमारी सरकार है इसलिए आपातकाल के लोगों को सम्मान मिलता है तो हमारा सीना चौड़ा होता है ।
जग्गन्नाथ पाण्डे ने बताया की में 1947षका स्वयंसेवक रहा हूं तब उस काल को देखते ही हमारा जेहन को झकझोर देता है। हमारे घरों में पुलिस को भेजा गया। पुलिस के जगह जगह पहरे लगा दिये गये। हमें गाड़ी में बैठाकर जेल ले जाता। हमने इन्कलाब जिंदाबाद के नारे लगाए गए तो पुलिस ने हमारे धाराएं बड़ा दी गयी। बरेली जेल में भेज दिया गया और जेलों में हमें प्रताड़ित किया गया। लगातार हमारे जेलों को बदलते रहे। कहते थे मुल्जिम खतरनाक है लेकिन हमने भी जनसंघ की नीतियां कभी नही छोड़ी। हमें सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली। मुझे याद है हमारे साथ वालों की नाखूनों को निकाल दिया। आतंकित किया। आज हम उस संघर्ष में तप से निकले हैं, इसलिए हमें हर एक को सम्मभाव से सम्मान करना चाहिए।
गिरीश चन्द्र काण्डपाल ने कहा आज आपातकाल की 48वी अध्याय काला दिवस मना रहे हैं।आप साल में आपातकाल के लोगों को याद करते हैं हमें बड़ा अच्छा लगता है हम और हमारे साथियों के पीछे पुलिस का ऐसा भयावह चेहरा कुछ लोगों को मीसा के रूप में बंद कर दिया गया। वो काल का जिक्र करते हुए आज भी हृदय भर आता है। बहुत से परिवार उस समय उजड़ चुके थे आज हमारी संवेदनाएं उनके साथ है।
शक्ति को परेशान किया गया
आपातकाल के समय और उन कष्टों जिन लोगों ने परेशानियां झेला है उनको मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। पुनीत लाल ढींगरा,पूरन शर्मा , जग्गन्नाथ पाण्डे, वेद प्रकाश अग्रवाल, श्रीधर कौशिक, गिरीश चन्द्र काण्डपाल,आपातकाल के समय छात्र आन्दोलन किया।


केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा की जीवन में कांग्रेस के समय बहुत लोग सताये गये है। आज आपातकाल के समय की बातें सुनने से उस समय का काल मुझे आज आप लोगो से सुनकर कांग्रेस के पाप धुल नही सकते। हमें और हमारे उस समय के कार्यकर्ता से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। आप लोगों के हम बड़े कर्जदार है। आज हम लोगों को उनसे प्रेरणा मिलती है । हमारे आपातकाल के समय आपलोग परेशानी में रहे होंगे, आप लोग सीना चौड़ा करके खड़े रहे हैं। उस समय कितने लोग मारे गये। इमरजेंसी के समय ढेड लाख लोगों को बिना किसी कारण जेलों में बंद कर दिया गया। वो दौर बड़ा ही दुखद दौर रहा है। अखबारों में पाबंदी लगा दी गयी। उस समय ग्यारह लाख लोगों को जेल ठूंस दिया गया। हजारों लापता हैं उनके परिवार के परिवार उजड़ गये थे नशबंदी करा दी गई ये सब अपनी काली राजनीति को बचाने के लिए सब किया गया जजों के उपर प्रेशर किया गया उस समय इन्द्रा को राजनायण ने 50 हजार वोटों से हरा दिया गया था । अखबारों की बिजली काट दी गयी फंडामेंटल राईट छीन लिया गये। जनसंघ के परिवार पता चलने पर जेल में बंद कर दिए गए। संजय गांधी ने किशोर कुमार से गीत गाने को कहा गया। कांग्रेस सरकार और इमरजेंसी के लिए उन्होंने नही गाया तो उनके गानों पर प्रतिबन्धित कर दिया। लोगों ने अपनी जवानी गवा दी। आज कांग्रेस विदेशों में जा कर कहते हैं, लोकतंत्र प्रजातंत्र खतरे में है।षआज प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश का गौरव बढ़ाया है आज हम विश्व गुरु बनने को तैयार हैं। हमारे देश का नाम विश्व में चमक रहा है। कहीं लड़ाई छिड़ती है कहीं मतभेद होते हैं तो विश्व भारत की ओर देखते हैं । आज आपातकाल के समय जिन लोगों ने उस समय ये पौधा लगाएं आज आप लोगों की वजह से फल फूल रहा है।
कार्यक्रम में जिला महामंत्री रंजन बर्गली, महामंत्री नवीन भट्ट मीडिया प्रभारी भुवन भट्ट उपाध्यक्ष लाखन निगल्टिया नितिन राणा, बहादुर नदगली, प्रतिभा जोशी, रूचि गिरी,तरूण बंसल , संजय पाण्डे, तरूण बंसल, प्रकाश हरबोला, चन्दन सिंह बिष्ट, दीपा भारती,अल्का जीना ण जी श्रुति गोलवलकर, बिना जोशी,श्रुति तिवारी,नीरज बिष्ट, आदि मौजूद थे।

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