देहरादून। सोशल साइटों पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से दोस्ती कर विदेश से गिफ्ट भेजने का झांसा देकर ठगने वाले नाइजीरियन गैंग का साइबर क्राइम पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर सात को नोटिस दिए है। आरोपी दिल्ली में धंधा चला रहे थे। सीओ साइबर क्राइम स्टेशन अंकुश मिश्रा का दावा है कि देश में एक साथ आठ नाइजीरियन नागरिकों के खिलाफ पहली बार कार्रवाई की गई है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि वसंत विहार निवासी बुजुर्ग रेशमा दीवान ने अप्रैल में 19 लाख रुपये ठगे जाने का केस कराया था। उन्हें व्हाट्सएप पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को डॉ. जेम्स हडसन बताया। महिला को भी गिफ्ट भेजने का झांसा देकर रकम ली गई। इस मामले में केस दर्ज कर साइबर क्राइम टीम ने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि दिल्ली के विपिन गार्डन थाना मोहननगर क्षेत्र से यह फर्जीवाड़ा किया गया। टीम ने शनिवार रात को दबिश दी। मौके पर ठगी में उपयुक्त उपकरणों संग एक नाइजीरियन को गिरफ्तार किया गया। सात अन्य को ठगी में शामिल होने के चलते नोटिस दिए गए हैं।
आरोपी सोशल मीडिया पोर्टल पर फर्जी एकाउंट बनाकर उनके जरिए लोगों से दोस्ती करते हैं। ऐसे एकाउंट से दोस्ती करने वाले खुद का अच्छा व्यवसाय बताते हैं। इसके बाद विदेश से गिफ्ट भेजने का झांसा देकर रशीद भेजी जाती है। कुछ दिन बाद भारतीय नंबरों से फोन किया जाता है। फोन करने वाले खुद को कस्टम विभाग से जुड़ा बताते हैं। झांसा देते हैं कि गिफ्ट काफी महंगा है। कस्टम क्लीयरेंस के नाम पर लोगों से लाखों-लाखों रुपये तक ठग लिए जाते हैं। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों ने देशभर में लोगों को चूना लगाने के लिए 21 मोबाइल फोन और पांच लैपटॉप का इस्तेमाल किया। उन्हें भी कब्जे में लिया गया। शुरुआत में जांच कई लोगों को चूना लगाए जाने की बात सामने आई। गैंग का मुख्य सरगना समेत कुछ फरार हैं। उनका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ मिल कर वर्चुअल नंबर खरीदते हैं। जिन महिला-पुरुषों से सोशल मीडिया पर दोस्ती होती है, उन्हें इनके जरिए संपर्क करते हैं। खुद को यूके या यूएस का निवासी बताते हैं। फिर गिफ्ट भेजे जाने की रशीद भेजते हैं और कस्टम में अटकने का झांसा देकर ठगी शुरू कर दी जाती है। बताया कि आरोपियों पर कई राज्यों में मुकदमा दर्ज हैं।