हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ भूपेन सिंह ने इंग्लैंड के रेडिंग विश्वविद्यालय में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. इस शोध पत्र को विकास, पर्यावरण और राजनीति को लेकर हुए अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के लिए चुना गया था. इस कॉन्फ्रेंस को विकास अध्ययन से संबंधित दुनिया के विद्वानों का सबसे बड़ा जमावड़ा माना जाता है.
रेडिंग विश्वविद्यालय में क्राइसिस इन एन्थ्रोपोसीन नाम से हुए इस सम्मेलन में प्रकृति और मानव के रिश्तों पर दुनियाभर के चुने हुए विद्वानों ने अपने शोध पत्र पढ़े थे. भूपेन सिंह ने हिमालयी क्षेत्र की आपदाओं, मानव हस्तक्षेप की राजनीति और विकास संचार पर अपना शोध पत्र पेश किया था।
वर्ल्ड डेवलेपमेंट स्टडीज़ एसोसिएशन और रेडिंग विश्वविद्यालय की तरफ से तीन दिन तक चले इस सम्मेलन में अलग-अलग सत्रों में विद्वानों ने अपने शोध के निष्कर्ष साझा किये. इन्हीं में से एक सत्र में भूपेन सिंह ने अपना शोध पत्र पेश किया था. इस सम्मेलन में दुनियाभर में विकास से संबंधित सबसे ताज़ा अध्ययनों को सामने लाया जाता है. इस सम्मेलन में ज़्यादातर विद्वानों ने एंथ्रोपोसीन (मानव केंद्रित युग) की अवधारणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रकृति को मानव हस्तक्षेप से कम और उसके उपभोक्तावादी इस्तेमाल से ज़्यादा ख़तरा है. विकास संचार (डेवलेपमेंट कम्यूनिकेशन) जैसा विषय एंथ्रोपोसीन की जटिलताओं की पड़ताल करता है.