चमोली में मानवजनित दुर्घटना से गई 16 निर्दोष लोगों की जान, जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ दर्ज हो मुकद्दमा: यशपाल आर्य

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गोपेश्वर। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , चमोली में नमामि गंगे के तहत बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में करंट से मरने वाले 16 निर्दोष लोग भ्रष्टाचार और प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़े हैं। सरकार को आपराधिक मामला दर्ज कर जिम्मेदारों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।
आज नेता प्रतिपक्ष जिला चमोली के गोपेश्वर अस्पताल में भीषण करंट हादसा लगने से घायल हुए लोगों को की कुशल क्षेम लेने तथा मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने गए थे। नेता प्रतिपक्ष ने मृतकों के अंतिम संस्कार में भाग लेकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , अभी सरकार को प्राथमिकता के आधार पर घायलों को अच्छी से अच्छी चिकित्सा देकर उनकी जान बचानी चाहिए। उनको कैसे बचाया जा सकता है सरकार को तत्परता से कदम उठाना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , यह घटना बेहद हृदय विदारक है राज्य में मानवजनित दुर्घटना में इतनी बड़ी क्षति पहले कभी नही हुई है। उन्होंने कहा कि , प्लांट में दो बार करंट फैलने की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए। जब रात में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी की करंट से मौत हो चुकी थी तो प्रशासन को सजग होना चाहिए था। लेकिन सुबह फिर एक बार और करंट की चपेट में आ कर 16 लोगों का मरना प्रशासन की लापरवाही को दिखाता है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली एजेंसी से लेकर उसका मुआयना और देख रेख के लिए जिम्मेदार सभी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए । आखिर इस प्रश्न का जबाब भी मिलना जरूरी है कि , 16 लोगों की हृदयविदारक मौत की जिम्मेदारी किसकी है ?


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ,मृतकों के परिवार के साथ सारा राज्य खड़ा है, सरकार को भी खड़ा होना चाहिए,राज्य सरकार मृतकों के परिवार को 25 लाख आर्थिक मुआवजा देना चाहिए और एक-एक आश्रित को नौकरी देनी चाहिए।जो घायल हैं मेरी नज़र में वो भी गम्भीर हैं क्योंकि विद्युत करंट का प्रभाव वर्षों तक रहता है उनको भी 10 लाख मुआवजा और रोजगार दिया जाये।

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